One Nation-One Election! मास्टर स्ट्रोक की तैयारी में मोदी सरकार, संसद के विशेष सत्र में ला सकती है 'एक देश-एक चुनाव' बिल
वन नेशन-वन इलेक्शन' के तहत देश में लोकसभा तथा राज्यों की विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराया जाता है. गौरतलब है कि देश में इनके अलावा पंचायत और नगरपालिकाओं के चुनाव भी होते हैं किन्तु एक देश एक चुनाव में इन्हें शामिल नहीं किया जाता.
One Nation-One Election! केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. इस सत्र में पांच बैठकें होंगी. सूत्रों के मुताबिक, विशेष सत्र में मोदी सरकार 'एक देश-एक चुनाव' पर बिल लेकर आ सकती है. लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराये जाने के मसले पर लंबे समय से बहस चल रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस विचार का समर्थन कर इसे आगे बढ़ाया है.
देश में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को लेकर पहले से ही बहस चल रही है. जनवरी में लॉ कमीशन ने इसको लेकर राजनीतिक दलों से छह सवालों के जवाब मांगे थे. सरकार इसे लागू कराना चाहती है तो वहीं कई राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं. Parliament Special Session: मोदी सरकार में पहली बार संसद का विशेष सत्र बुलाया गया, 18 से 22 सितंबर के बीच 5 बैठकें होंगी
'वन नेशन-वन इलेक्शन' के तहत देश में लोकसभा तथा राज्यों की विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराया जाता है. गौरतलब है कि देश में इनके अलावा पंचायत और नगरपालिकाओं के चुनाव भी होते हैं किन्तु एक देश एक चुनाव में इन्हें शामिल नहीं किया जाता.
एक देश एक चुनाव कोई अनूठा प्रयोग नहीं है. 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे. यह क्रम तब टूटा जब 1968-69 में कुछ राज्यों की विधानसभाएं विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गई.
संविधान के अनुच्छेद 85 में संसद का सत्र बुलाने का प्रावधान है. इसके तहत सरकार को संसद के सत्र बुलाने का अधिकार है. संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति निर्णय लेती है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है, जिसके जरिए सांसदों को एक सत्र में बुलाया जाता है.