नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को 2019 लोकसभा चुनाव में मात देने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कमर कस ली हैं. आम चुनाव से पहले ममता विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में लग गई हैं. इसी के चलते वह राजधानी दिल्ली में हैं और विपक्ष के आला नेताओं से बैठक कर रही हैं. मंगलवार को एनआरसी के मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने के बाद ममता ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाक़ात की. एनसीपी महाराष्ट्र की एक ताकतवर पार्टी है और उसका कांग्रेस के साथ गठबंधन होना लगभग तय माना जा रहा है.
बताया जा रहा है कि पवार के साथ उनकी बैठक में 2019 चुनावों में एक फ्रंट बनाने को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई. इस दौरान पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले भी मौजूद थी.
Had a good meeting with Trinmool Congress leader and Chief Minister, West Bengal @MamataOfficial in New Delhi. pic.twitter.com/SaQvXt9GPb
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) July 31, 2018
ममता बुधवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी नाराज चल रहे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और सांसद शत्रुध्न सिन्हा से भी मुलाकात करेंगी.
West Bengal CM Mamata Banerjee to meet UPA Chairperson Sonia Gandhi, tomorrow at latter's residence in Delhi. (file pics) pic.twitter.com/Y6Zci0r5I4
— ANI (@ANI) July 31, 2018
बता दें कि ममता दीदी द्वारा विपक्ष के नेताओं से मुलाकात का मुख्य उद्देश 2019 लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद करना है. ममता चाहती है कि एनडीए को हराने के लिए सभी विपक्षी दल एक साथ आए. इससे वोटों का बिखराव नहीं होगा जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है. कुछ दिनों पहले नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने भी कहा था कि 2019 से पहले विपक्ष का एक होना जरूरी है.
वैसे कांग्रेस भी बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए तमाम कोशिश कर रही हैं. राहुल गांधी खुद कह चुके है कि बीजेपी को सत्ता से हटाना उनका मुख्य उद्देश है. जिसके लिए वह ममता बनर्जी या मायावती को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करने के लिए भी तैयार हैं.