अयोध्या मामले में मोदी सरकार की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए चुनावी हथकंडा: मायावती
मायावती ने लोगों को भारतीय जनता पार्टी से सावधान रहने के लिए कहा, क्योंकि केंद्र सरकार 'लंबित मामले में जबरदस्ती हस्तक्षेप' कर रही है.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अयोध्या (Ayodhya) में अधिग्रहित भूभाग राम जन्मभूमि न्यास को वापस लौटाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर किए जाने वाले कदम को एक चुनावी हथकंडा बताया है. एक बयान में मायावती ने बुधवार को कहा कि यह सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए किया गया है. उन्होंने लोगों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सावधान रहने के लिए कहा, क्योंकि केंद्र सरकार 'लंबित मामले में जबरदस्ती हस्तक्षेप' कर रही है. उन्होंने कहा कि यह महसूस करते हुए कि प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के एक साथ आ जाने से सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में झटका लगेगा इसलिए बीजेपी 'अनुचित कदम' उठा रही है.
मायावती ने कहा कि बीजेपी वह सब कुछ कर रही है जो कि एक संविधान द्वारा संचालित सरकार से अपेक्षित नहीं है. यह दावा करते हुए कि लोग बीजेपी के फर्जी वादों से उब गए हैं, पार्टी सांप्रदायिक तनाव बढ़ाकर, सामाजिक सौहार्द बिगाड़कर आगामी चुनाव के मद्देनजर चुनाव में बने रहने की कोशिश कर रही है. यह भी पढ़ें- अमित शाह ने बताया अगर देश में गठबंधन की सरकार बनी तो सोमवार से शनिवार तक कौन-कौन बनेगा पीएम?
गौरतलब है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर बढ़ते दबाव के बीच केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल के आसपास की 67.390 एकड़ अधिग्रहित ‘विवाद रहित’’ भूमि उनके मालिकों को लौटाने की अनुमति के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था. इस पहल को लोकसभा चुनावों से कुछ समय पहले केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
आईएएनएस इनपुट