महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष अजित पवार ने एक स्पष्ट बयान दिया है कि मनुस्मृति का राज्य में कोई स्थान नहीं है. उन्होंने विपक्ष पर इस मुद्दे पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया है, जो सितंबर-अक्टूबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, "मनुस्मृति का कोई भी श्लोक स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है. राज्य में ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जा सकता है. मनुस्मृति को राज्य सरकार का समर्थन नहीं है. विपक्ष जानता है कि 'मनुस्मृति' जैसे मुद्दे का महाराष्ट्र में कोई स्थान नहीं है, फिर भी वे इस तरह के मुद्दों को उठाकर जानबूझकर गलतफहमी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं."
अजित पवार ने कहा "इस तरह की राजनीति करना सही नहीं है, महाराष्ट्र इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता." पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र शिवाजी फुले शाह और डॉ. बी.आर. आंबेडकर के प्रगतिशील विचारों को लागू करने के लिए जाना जाता है, उन्होंने फिर से दोहराया कि 'मनुस्मृति' का राज्य में कोई स्थान नहीं है.
वे विपक्ष के इस दावे का जवाब दे रहे थे कि राज्य सरकार 'मनुस्मृति' के श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहती है. पवार ने कहा कि स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सरकार का 'मनुस्मृति' के श्लोकों को शामिल करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति करना बंद करने का आग्रह किया.
यह बयान, आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, राजनीतिक हलचल को और तेज कर सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया करता है और यह चुनाव में किस तरह प्रभाव डालता है.