Manmohan Singh News: मनमोहन सिंह को BMW से ज्यादा पसंद थी मारुति 800, उनके बॉडीगार्ड रहे मंत्री असीम अरुण ने सुनाया अनोखा किस्सा
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनसे जुड़ी कई कहानियां और किस्से चर्चा में हैं. वह अपने शांत स्वभाव और विनम्रता के लिए जाने जाते थे. एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी भारतीय जनता पार्टी के नेता असीम अरुण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की है.
Manmohan Singh News: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनसे जुड़ी कई कहानियां और किस्से चर्चा में हैं. वह अपने शांत स्वभाव और विनम्रता के लिए जाने जाते थे. एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी भारतीय जनता पार्टी के नेता असीम अरुण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की है. असीम अरुण ने बताया कि वह 2004 से तीन साल तक प्रधानमंत्री के सुरक्षा घेरे में रहे. उन्होंने प्रधानमंत्री की सुरक्षा के सबसे नजदीकी दस्ते, क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम (CPT) का नेतृत्व किया.
उन्होंने 'एक्स' लिखा, “डॉ. साहब की अपनी एकमात्र कार मारुति 800 थी, जो पीएम हाउस में खड़ी रहती थी. हालांकि, सुरक्षा के कारण उन्हें हमेशा बीएमडब्ल्यू जैसी आधुनिक सुरक्षा वाली गाड़ियों का उपयोग करना पड़ता था.”
मंत्री असीम अरुण ने सुनाया अनोखा किस्सा
''उन्हें अपनी पुरानी मारुति 800 से बहुत गहरा जुड़ाव था''
असीम अरुण ने बताया कि मनमोहन सिंह का अपनी पुरानी मारुति 800 से जुड़ाव बहुत गहरा था. डॉ. सिंह अक्सर कहते थे, “मुझे इन बड़ी गाड़ियों में चलना पसंद नहीं. मेरी असली गाड़ी तो यही है.” यह उनके सरल और मिडिल क्लास जीवनशैली से जुड़े होने को दर्शाता है. लेकिन एसपीजी टीम उन्हें बार-बार समझाती कि बीएमडब्ल्यू जैसी गाड़ियां उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी हैं. इसके बावजूद, जब भी डॉ. सिंह कारकेड के साथ निकलते और उनकी मारुति 800 खड़ी रहती, तो वह उसे देखना नहीं भूलते.
कर्तव्यों और आदर्शों के प्रति समर्पित थे मनमोहन
ऐसा लगता था मानो वह खुद को याद दिला रहे हों कि वह एक साधारण व्यक्ति हैं और आम आदमी की भलाई के लिए काम करना ही उनका असली दायित्व है. इस घटना ने यह साफ कर दिया कि डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक महान नेता थे, बल्कि अपने कर्तव्यों और आदर्शों के प्रति पूरी तरह समर्पित भी थे. उनकी विनम्रता और मिडिल क्लास मूल्यों से उनका जुड़ाव, उनके नेतृत्व की सादगी को दर्शाता है.