ममता बनर्जी ने की पीएम की आलोचना, कहा- मैं मोदी की तरह काम नहीं करती, प्रचार की जरूरत नहीं
ममता ने कहा, "तब से करीब दो करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां गवां दी हैं.. 1,200 किसानों ने आत्महत्या की है." ममता के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मानवता को नहीं समझती.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banarjee) ने बुधवार को कहा कि उनका विकास कार्य मोदी से उलट प्रचार का जरिया नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सशस्त्र बलों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. हावड़ा जिले में विभिन्न परियोजनाओं की घोषणा करते हुए ममता ने कहा, "आज हमने विभिन्न जगहों पर 217 परियोजनाओं के उद्घाटन किए, जिनकी अनुमानित लागत 1,300 करोड़ रुपये है. मैं नरेंद्र मोदी की तरह काम नहीं करती, जो स्नान घर का भी उद्घाटन करने जाते हैं." उन्होंने कहा, "मैं एक दिन में 1,000 परियोजनाएं शुरू कर सकती हूं, जिससे सरकार का पैसे व विज्ञापन की कीमत बचाई जा सकती है. इतना ज्यादा प्रचार की जरूरत क्या है? अच्छे काम के लिए प्रचार की जरूरत नहीं होती."
मुख्यमंत्री ने कहा, "क्या आपको शर्म नहीं आएगी? याद रखें कि भारत में हम सभी बलों, सेना, वायुसेना, सौहाद्र्र, एकता, शिक्षा, संस्कृति का समर्थन करते हैं, लेकिन हम मोदी बाबू को या मोदी राज को वापस नहीं लाना चाहते." उन्होंने कहा, "कोई भी जो उनके खिलाफ सवाल कर रहा है या बोल रहा, उसे पाकिस्तानी बुलाया जा रहा है, क्या सिर्फ वे ही भारतीय हैं."
उन्होंने कहा कि नवंबर 2016 में नोटबंदी की आलोचना करने वाली वह अकेली नेता थीं. ममता ने कहा, "तब से करीब दो करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां गवां दी हैं.. 1,200 किसानों ने आत्महत्या की है." ममता के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मानवता को नहीं समझती.
उन्होंने कहा, "बीजेपी नेता मेरा धर्म जानना चाहते हैं. मानवता मेरा धर्म है, लेकिन मैं नहीं सोचती कि वे इसे समझते हैं, क्योंकि उनके हाथ खून से रंगे हैं और वे सिर्फ हिंसा जानते हैं." ममता ने कहा कि पत्रकारों को सरकार से सवाल पूछने पर धमकी मिल रही है. उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख समाचार चैनल झूठ का सहारा ले रहे हैं.
उन्होंने कहा, "एक फीसदी को छोड़कर दिल्ली के सभी राष्ट्रीय समाचार चैनल बिक चुके हैं, जबकि क्षेत्रीय चैनल अभी अपनी आवाज उठा रहे हैं. कोई कल्पना नहीं कर सकता कि झूठ व सच को मिलाने के लिए (मीडिया को) कितने करोड़ रुपये दिए गए हैं. इस तरह से वे तथ्यों को मोड़ने की कोशिश में जुटे हैं."
उन्होंने कहा, "किसी ने इतना ज्यादा डरा हुआ प्रधानमंत्री नहीं देखा है. हर किसी को एकजुट होना चाहिए और युवाओं को डरना नहीं चाहिए. उन्हें देश को बचाने की जरूरत है."