महाराष्ट्र: 36 मंत्री तो बना दिए मगर अब तक विभागों का बंटवारा नहीं कर पाए CM उद्धव ठाकरे!
शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार में अभी तक मंत्रालय के बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा उठाई गई ताजा मांगों के चलते विभागों के आवंटन में देरी हो रही है.
मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) की अगुवाई वाली महाराष्ट्र विकास आघाडी (Maharashtra Vikas Aghadi) सरकार में अभी तक मंत्रालय के बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस (Congress) द्वारा उठाई गई ताजा मांगों के चलते विभागों के आवंटन में देरी हो रही है. दरअसल कांग्रेस जिन विभागों को मांग रही है, वो वर्तमान में एनसीपी (Nationalist Congress Party) और शिवसेना के खाते में गई है. जिस वजह से तीनों दलों के बीच माथापच्ची जारी है. उधर, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) ने मंत्रियों के बीच अब तक विभागों का बंटवारा नहीं होने को लेकर सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा और कहा कि यह गठबंधन की नाकामी है.
एनसीपी के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कांग्रेस ने कृषि और उद्योगों या परिवहन विभाग देने की मांग की है. इससे पहले कांग्रेस की ओर से शहरी विकास, कृषि और परिवहन विभाग पर दावा किया गया था. मंत्री ने आगे कहा की मंत्रालय के बंटवारे में हो रही देरी महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है. महाराष्ट्र: नेता जब राज्य में सत्ता के लिए कर रहे थे दंगल, तब 300 किसानों ने की आत्महत्या
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस बात से नाराज है कि उसे कृषि और सहकारिता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कोई भी विभाग नहीं मिला है. इस वजह से शीर्ष नेताओं ने मंत्रियों के विभागों को लेकर कई मैराथन बैठकें की.
इसके अलावा तीनों दलों के कई नेता नाराज बताए जा रहे है. इस सूची में शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत का भी नाम बताया जा रहा है. कांग्रेस के संग्राम थोप्टे, एनसीपी के प्रकाश सोलंकी और शिवसेना के तानाजी सावंत भी मंत्रिमंडल विस्तार में नजरअंदाज किए जाने से नाखुश हैं. जबकि विधानसभा चुनावों से ठीक पहले शिवसेना में शामिल हुए भास्कर जाधव भी पार्टी पार्टी से खुश नहीं है. अकेले लगभग एक दर्जन शिवसेना विधायक मंत्रिमंडल में जगह नहीं पाने से नाराज हैं.
उल्लेखनीय है कि नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बाद शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ लिया था.
इसके बाद 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया लेकिन अब तक मंत्रियों के बीच विभागों का आवंटन नहीं हो पाया. इनमें 14 (दस कैबिनेट और चार राज्य मंत्री) एनसीपी के, 12 (आठ कैबिनेट और चार राज्यमंत्री) शिवसेना के और दस (आठ कैबिनेट तथा दो राज्य मंत्री) कांग्रेस के हैं.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करते हुए 26 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री शामिल किए हैं. एनसीपी नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र और युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे को कैबिनेट मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण के पुत्र और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण को कैबिनेट मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के पुत्र अमित देशमुख को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. महाराष्ट्र विकास आघाडी में शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस और अन्य छोटे सहयोगी शामिल हैं.