मुंबई: देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली है. वह तीसरी बार महाराष्ट्र के CM पद की कुर्सी पर बैठेंगे. उनके साथ एनसीपी चीफ अजित पवार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शिरकत की.
एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उनके साथ एनसीपी नेता अजित पवार भी उपमुख्यमंत्री बने. तमाम सस्पेंस और खींचतान की खबरों के बीच शपथ ग्रहण तो हो गया है लेकिन पिक्चर अभी बाकी है. अब बात आती है मंत्रालय की. शिवसेना ने इस बार उपमुख्यमंत्री का पद और करीब एक दर्जन मंत्रिपदों पर समझौता किया है. इसके बाद विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों (MLAs और MLCs) के बीच मंत्रालयों के बंटवारा होना है.
मंत्रिपदों के लिए खींचतान तेज
पूर्व कैबिनेट मंत्रियों में से अधिकांश अपनी पुरानी जिम्मेदारियां बरकरार रखने के लिए उत्सुक हैं. हालांकि, संभावना है कि इस बार कुछ नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है. मंत्रिमंडल के गठन में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन बनाए रखना प्राथमिकता होगी. इसके साथ ही, आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए अनुभवी और नए नेताओं के बीच संतुलन साधने की कोशिश होगी.
शिवसेना खेमे में जहां एक ओर नए समीकरणों को लेकर उत्साह है, वहीं कई विधायकों का मानना है कि अगर एकनाथ शिंदे को कुछ और समय के लिए मुख्यमंत्री बने रहने का मौका मिलता, तो पार्टी के मनोबल और स्थानीय निकाय चुनावों में प्रदर्शन को बढ़ावा मिलता. ऐसे में शिवसेना नेता अगर मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर नाराज होते हैं कि एकनाथ शिंदे के लिए बड़ी चुनौती होगी.