महाराष्ट्र: सोनिया गांधी-शरद पवार और अमित शाह-देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात के बाद भी नई सरकार के गठन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं
सोनिया गांधी, शरद पवार,अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस (Photo Credits: PTI)

महाराष्ट्र  (Maharashtra) के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सोमवार को अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की वहीं राकांपा (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की जबकि शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने राज्यपाल से भेंट की. लेकिन इसके बाद भी राज्य में नयी सरकार के गठन को लेकर कोई स्पष्ट स्थिति बनती नहीं दिखी हालांकि विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए 11 दिन हो चुके हैं. दिल्ली (Delhi) में सोनिया गांधी के साथ मुलाकात के बाद पवार ने राज्य का मुख्यमंत्री बनने की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या राकांपा शिवसेना (Shiv Sena) को समर्थन देने पर विचार कर रही है, पवार ने कहा, ‘‘शिवसेना की ओर से किसी ने भी मुझसे इस बारे में संपर्क नहीं किया है. हमें (राकांपा को) विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है. इस होड़ में शामिल होने के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या नहीं है.’’

उधर, फडणवीस ने राज्य में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए केंद्रीय राहत मांगने की खातिर राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि नयी सरकार जल्द बनेगी, लेकिन यह उल्लेख नहीं किया कि शिवसेना नयी सरकार का हिस्सा होगी या नहीं. इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद राउत ने कहा कि शिवसेना राज्य में सरकार बनाने में कोई बाधा नहीं डाल रही है. उन्होंने कहा कि जिसके पास भी बहुमत है उसे सरकार बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले शिवसेना नेता संजय राउत और रामदास कदम, बीजेपी ने कहा- सीएम पद पर कोई समझौता नहीं होगा.

राउत सत्ता के समान बंटवारे और मुख्यमंत्री पद साझा करने की शिवसेना की मांग को प्रमुखता से उठाने में मुखर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने राज्यपाल को बताया कि नयी सरकार के गठन को लेकर राज्य में मौजूदा राजनीतिक हालात के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है.’' शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में नयी सरकार के गठन में कोई बाधा पैदा नहीं कर रही है. राज्य में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा हुई थी.

राउत ने कहा, ‘‘राज्यपाल ने धैर्यपूर्वक हमें सुना. राज्यपाल ने हमें बताया कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में थोड़ा वक्त है. उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल (बहुमत रखने वाला) आगे आ सकता है और सरकार बनाने का दावा पेश कर सकता है.’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हम सहमत है कि राज्यपाल संविधान की रूपरेखा के तहत काम कर रहे हैं.’’ यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब विभागों के समान बंटवारे और ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी बनी हुई है. गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनावों में भाजपा ने 105 सीटों, शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की. इस बीच मराठी के एक दैनिक समाचार पत्र ने संजय राउत की तुलना अपनी पहेलियों से राजा विक्रमादित्य को चुनौती देने वाले पौराणिक पिशाच ‘बेताल’ से की और उन्हें विदूषक बताया.

राउत पर निशाना साधते हुए नागपुर के अखबार ‘तरुण भारत’ ने कहा कि वह महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सत्ता में आने के मौके को नुकसान पहुंचा रहे हैं. माना जाता है इस समाचार पत्र का झुकाव आरएसएस की ओर है. अखबार ने कहा, ‘‘दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने अपना पूरा जीवन कांग्रेस तथा राकांपा को सत्ता से बेदखल करने में बिताया लेकिन यह बेताल उनके सपनों को तोड़ने की कड़ी मशक्कत कर रहा है.’’ उधर, शिवसेना ने मांग की कि महाराष्ट्र में बारिश से प्रभावित किसानों को लगभग 30,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज प्रदान किया जाए.

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा गया है कि राज्य में किसानों को किसी भी कीमत पर बचाने की जरूरत है. पार्टी ने फसलों के नुकसान पर घोषित 10,000 करोड़ रुपये की सहायता को अपर्याप्त बताया. राउत ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीट करते हुए संदेश लिखा “लक्ष्य तक पहुंचने से पहले सफर में मजा आता है.” ‘मराठी मानुष’ के मुद्दों की पैरोकार रही शिवसेना के राज्यसभा सदस्य राउत ने अपने ट्विटर हैंडल पर हिंदी में संदेश पोस्ट किया, “लक्ष्य तक पहुंचने से पहले सफर में मजा आता है.” यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र: बीजेपी के साथ जारी 'सत्ता संघर्ष' के बीच शरद पवार से मिले संजय राउत, साथ आएंगे NCP-शिवसेना?

राउत ने पोस्ट में अपने फालोअर्स का अभिवादन “जय हिंद” के नारे के साथ किया है जबकि उनकी पार्टी लंबे समय से अभिवादन के लिये “जय महाराष्ट्र” के इस्तेमाल पर जोर देती रही है. राज्य में मंत्री और भाजपा नेता जयकुमार रावल ने कहा कि उनकी पार्टी के कुछ नेता प्रदेश में फिर से चुनाव के पक्ष में हैं. भाजपा नेताओं ने रविवार को धुले जिले में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान यह विचार व्यक्त किए.

महाराष्ट्र में भाजपा को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रवि राणा ने दावा किया कि शिवसेना के ‘‘करीब 25 विधायक’’ अगली सरकार के गठन के लिए उनके संपर्क में हैं. उन्होंने शिवसेना को ‘‘बहुत अभिमानी’’ करार दिया और दावा किया कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी टूट जाएगी और यदि फड़णवीस इस सहयोगी दल के बिना अगली सरकार बनाते हैं तो लगभग दो दर्जन विधायक भाजपा में शामिल हो जाएंगे.