Maharashtra Political Crisis: कैसे बचेगी उद्वव सरकार, क्या कहता है महाराष्ट्र विधानसभा सीटों का गणित?
उद्धव ठाकरे, देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे (Photo Credit : Facebook)

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में शिवेसना (Shivsena) नेता एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद उद्धव सरकार संकट में पड़ गई है. पहले राज्यसभा और फिर विधान परिषद चुनाव में मिली मात के बाद अब उद्धव सरकार के सामने एक और चुनौती खड़ी हो गई है. महा विकास अघाड़ी सरकार में शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 20 से अधिक विधायकों से पार्टी आलाकमान का संपर्क नहीं हो पा रहा है. Maharashtra: खतरे में ठाकरे सरकार, 29 विधायकों से संपर्क टूटा, 'हवा का रुख' मोड़ने दिल्ली पहुंचे देवेंद्र फडणवीस

बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे 20 विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में मौजूद हैं और वह बीजेपी के संपर्क में हैं. वहीं महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल ने कहा कि राजनीतिक घटनाक्रम पर हम बारीकी से ध्यान बनाए हुए हैं. इससे कुछ परिवर्तन होगा ये कहना थोड़ा असामयिक होगा. दूसरी तरफ कांग्रेस , शिवसेना और NCP नेताओंं के बैठकों का दौर जारी है. ठाकरे सरकार पूरी कोशिश में है कि इस सियासी हलचल पर काबू पाया जाए.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, इसके लिहाज से सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए. शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब 287 विधायक बचे हैं और महाराष्ट्र में सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए. बगावत से पहले शिवेसना की अगुवाई में बने महा विकास अघाड़ी के 169 विधायकों का समर्थन हासिल था, जबकि बीजेपी के पास 113 विधायक और विपक्ष में 5 अन्य विधायक हैं.

उद्धव सरकार को 169 विधायकों का समर्थन हासिल था. इसमें शिवसेना के  56,  NCP के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक शामिल थे. साथ ही सपा के 2, PGP के 2, BVA के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी  महा विकास अघाड़ी सरकार को हासिल था.

अब बात करें अगर बीजेपी की तो बीजेपी के पास 113 विधायकों का समर्थन है. इसमें बीजेपी के 106, RSP के 1, JSS के 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. अन्य दलों के पास 5 विधायक हैं. इसमें AIMIM के 2, CPI का (एम) 1 और MNS का 1 विधायक शामिल हैं. यानि बीजेपी को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 32 और विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी. जबकि खबर है कि शिवसेना के करीब 29 विधायक पार्टी के संपर्क में नहीं है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बागी विधायक वापस लौटते हैं या वो बीजेपी का दामन थामते हैं