महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता, किसानों के मदद का दिया आश्वासन
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार की रात अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में रायगढ़ किले के पुनरूद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए और उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के किसानों के लिए ठोस कदम उठायेगी. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले ठाकरे ने दक्षिण मुंबई के सहयाद्री गेस्ट हाउस में कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता की.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बृहस्पतिवार की रात अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में रायगढ़ किले के पुनरूद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए और उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के किसानों के लिए ठोस कदम उठायेगी. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले ठाकरे ने दक्षिण मुंबई (Mumbai) के सहयाद्री गेस्ट हाउस में कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि कैबिनेट के पहले फैसले में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ किले के पुनरूद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी गई.
मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव से किसानों के लिए सभी मौजूदा योजनाओं की समीक्षा कर गौर करने को कहा है कि इससे किसानों को असल में कितना फायदा हुआ है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यदि हम वास्तविकता जानेंगे तो हम अच्छा काम कर सकते हैं. हमने जानकारी मांगी है. किसानों को सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला. हम किसानों की ठोस मदद करना चाहते हैं."
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उन्होंने कहा, "मैंने मुख्य सचिव से किसानों के लिए चलायी जा रही योजनाओं और उससे किसानों को कितना फायदा हुआ है, इस बारे में सही तस्वीर पेश करने को कहा है." ठाकरे ने पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार पर भी निशाना साधा, जिसने जून 2017 में किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा की थी. ठाकरे ने कहा, "अब तक किसानों से झूठे वादे किए गए और उन्हें फायदा नहीं हुआ. मैंने देखा है कि किसानों को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र दिए गए, लेकिन असल में उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ." उन्होंने कहा, "हम राज्य में ऐसा माहौल सुनिश्चित करना चाहते हैं जहां कोई भी आतंकित महसूस नहीं करेगा."
शपथ ग्रहण समारोह के पहले तीनों दलों ने राज्य के लिए अपना न्यूनतम साझा कार्यकम पेश किया. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर अपना असंतोष प्रकट करते हुए कहा कि इसमें उत्तरी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के बारे में बात नहीं की गयी है. इस बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, "मंत्रिमंडल समूचे महाराष्ट्र का होता है और ऐसी टिप्पणी करने वाले व्यक्ति पांच साल मुख्यमंत्री थे. मंत्रिमंडल खास क्षेत्र का नहीं होता बल्कि यह पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करता है."