नई दिल्ली. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सियासी संकट अभी थमा नहीं है. बुधवार को चले बेंगलुरु में राजनीतिक ड्रामे के बाद आज का दिन बेहद ही अहम है. बीजेपी की तरफ से फ्लोर टेस्ट को लेकर दायर की गई याचिका को लेकर फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होनी है. इस फैसले पर पुरे देश की निगाहें टिकी हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो सूबे की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Govt) अल्पमत में आ जाएगी. वहीं दूसरी तरफ राजधानी भोपाल में भारतीय जनता पार्टी ने दिग्विजय सिंह की शिकायत इलेक्शन कमीशन से की है. बीजेपी का आरोप है कि राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायकों को डरा रहे हैं.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह माना किया कि सूबे की सत्ता पर काबिज सरकार की किस्मत 16 बागी विधायकों के हाथों में है. कोर्ट ने कहा कि वह विधानसभा द्वारा यह तय करने के बीच में कोई दखल नहीं देना चाहते हैं कि किस पार्टी के पास बहुमत है. कोर्ट ने राज्य कांग्रेस के बागी विधायकों से जजों के चैंबर में मिलने के प्रस्ताव को ठुकराते हुये कहा कि विधानसभा जाना या नहीं जाना उन पर निर्भर करता है, लेकिन उन्हें किसी को भी बंधक बनाकर नहीं रखा जा सकता है. यह भी पढ़े-मध्य प्रदेश फ्लोर टेस्ट: बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल तक टली सुनवाई
ज्ञात हो कि राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी के शामिल होने के बाद सियासी संकट खड़ा हुआ है. कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे की वजह से कमलनाथ सरकार गिर सकती है. इनमें से 6 कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा मंजूर भी कर लिया गया है.