Lok Sabha Elections 2024: यूपी बीजेपी का चुनावी त्रिशूल- राम मंदिर-लाभार्थी और UCC, योगी के इस फॉर्मूले पर होगी जंग
PM Narendra Modi and CM Yogi (Photo: PTI)

लखनऊ, 16 जुलाई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है. सत्ता में वापसी के लिए भाजपा जिन मुद्दों पर भरोसा कर रही है, उनका उत्तर प्रदेश में मजबूत आधार है - चाहे वह भव्य राम मंदिर हो, लाभार्थियों का समर्थन हो (जिन्हें 'लाभार्थी' कहा जाता है) समान नागरिक संहिता का प्रभाव हो, योगी आदित्यनाथ का जादू और विपक्ष में विभाजन.

1980 में अस्तित्व में आने के बाद से राम मंदिर भाजपा की राजनीति का आधार रहा है, और पार्टी को पिछले दशकों में मंदिर आंदोलन में कुछ उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है.

2024 में जब राम मंदिर के दरवाजे खुलेंगे, तब तक सिर्फ ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका होगा. रामलला की मूर्तियां वहां स्थापित की जाएंगी और अगले साल जनवरी में जनता के लिए खोल दी जाएंगी. चुनाव से पहले विपक्ष को लगा झटका! NDA में शामिल हुई ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा

भाजपा चाहती है कि मंदिर का उद्घाटन अगले साल हो, ताकि लोकसभा चुनाव भगवा रंग में हो सके.

सूत्रों के अनुसार, मंदिर का उद्घाटन बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान के साथ किया जाएगा, जिसे हिंदू भावनाओं को बढ़ाने और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक तरह का उन्माद पैदा करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा.

“मंदिर के उद्घाटन से पहले का अभियान लगभग तीन महीने तक चलेगा. भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, गर्भगृह का खुलना उन लोगों के चेहरे पर तमाचा होगा, जिन्होंने हमारे नारे 'मंदिर वहीं बनाएंगे' का मजाक उड़ाया है.

उन्होंने कहा कि राम मंदिर किसी चुनावी वादे की पूर्ति नहीं है, बल्कि लाखों लोगों ने भाजपा में जो विश्वास व्यक्त किया है, उसकी पूर्ति है.

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सहित संघ परिवार के अन्य घटक भी इस अवसर की तैयारी के लिए कार्यक्रमों की योजना बना रहे हैं.

भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहेगी कि 2024 में भारतीय राजनीतिक परिदृश्य पर मंदिर की चर्चा हावी हो जाए और अन्य सभी मुद्दे किनारे हो जाएं.

2024 की शुरुआत में मंदिर का उद्घाटन भारत के लोगों के लिए एक नई अयोध्या भी खोलेगा, जिस पर योगी सरकार काम कर रही है.

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "जब कोई राम मंदिर देखने के लिए अयोध्या आता है, तो हम चाहेंगे कि वे एक नया अत्याधुनिक शहर, नई अयोध्या देखें."

उत्तर प्रदेश सरकार 32 हजार करोड़ रुपये की एक बड़ी योजना के साथ अयोध्या को विकसित करने की तैयारी कर रही है, इसमें 37 एजेंसियों द्वारा क्रियान्वित 264 परियोजनाएं शामिल हैं, ताकि अयोध्या का चेहरा एक वैश्विक पर्यटन और आध्यात्मिक गंतव्य में बदल दिया जा सके.

अयोध्या में राजमार्गों, सड़कों, बुनियादी ढांचे, टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधाओं और एक नए हवाई अड्डे का विशाल नेटवर्क बन रहा है.

एक मुक्त क्षेत्र वैदिक टाउनशिप, एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन, नई प्रमुख सड़कों का निर्माण और सरयू नदी विकास योजना के साथ-साथ ऐतिहासिक शहर सर्किट और हेरिटेज वॉक इसका हिस्सा हैं.

बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ''2019 के लोकसभा चुनाव की कहानी सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में थी, लेकिन 2024 के आम चुनाव में राम मंदिर बड़ी कहानी बन जाएगा.''

मंदिर मुद्दे के साथ-साथ, भाजपा केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं के लाभार्थियों पर भी भरोसा कर रही है.

गरीबों के बीच बांटे गए राशन किट, मुफ्त घर, मुफ्त गैस सिलेंडर, मुफ्त पानी कनेक्शन ने लाभार्थियों का एक नया वोट बैंक तैयार किया है जो जाति और धर्म से परे है.

भाजपा को भरोसा है कि मतदाताओं का यह वर्ग विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों से प्रभावित नहीं होगा.

माफियाओं और अपराधियों पर योगी सरकार की सख्ती और उसके बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार से लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है.

जबकि योगी आदित्यनाथ के कुछ कैबिनेट सहयोगी पुलिस हिरासत में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या के बाद अल्पसंख्यक समुदाय से संभावित प्रतिक्रिया के बारे में आशंकित थे, लेेेकिन मुख्यमंत्री अडिग बने रहे और माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखी.

माफिया के खिलाफ उनकी कड़ी कार्रवाई, राज्य प्रशासन के प्रति उनका विवेकपूर्ण दृष्टिकोण और विकास के प्रति प्रतिबद्धता, कारकों का एक जादुई संयोजन बन गया है, जो संभवतः 2024 के चुनावों में भाजपा को एक और व्यापक जीत दिलाएगा.

इसके अलावा समान नागरिक संहिता को लेकर जो गरमाहट पैदा हो रही है, उसका मकसद हिंदू वोट बैंक को बीजेपी के पक्ष में एकजुट करना भी है.

यूपी के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, ''यूसीसी का विरोध जितना बड़ा होगा, हमारे पक्ष में हिंदू एकजुटता उतनी ही अधिक होगी.''

एक अन्य कारक जो भाजपा को यूपी में अपने प्रदर्शन के बारे में आश्वस्त करता है, वह हैं योगी आदित्यनाथ. मुख्यमंत्री ने एक पंथ का दर्जा हासिल कर लिया है और एक सख्त प्रशासक और दयालु नेता के रूप में उनका व्यापक रूप से सम्मान किया जाता है. उनकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और उनकी सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ साफ संकेत देती है कि वह अभियान में दूसरों से मीलों आगे हैं.

बीजेपी ने लोगों को भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए संगठन स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट पर काम करना जारी रखा है. पार्टी अपने संगठन को लगातार चुस्‍त-दुरुस्‍त करना जारी रखेे है और कोई चूक नहीं करना चाहती.

भाजपा के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव आसान होने का एक प्रमुख कारण प्रदेेेश में विपक्ष का पूूूरी तरह से अलग-थलग होना है. राज्‍य में सपा, बसपा व कांग्रेस के बीच गठबंंधन का कोई संकेत नहीं है और यह भाजपा के पक्ष में है. एह एक ऐसा तथ्‍य हैै, जो हर कोई जानता है, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लेना चाहता.