Lok Sabha Election Results 2019: मध्य प्रदेश की इन 5 सीटों पर होगी देशभर की पैनी नजर
मध्य प्रदेश लोकसभा रिजल्ट 2019 (File Photo)

भोपाल: लोकतंत्र का महापर्व- लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के नतीजे गुरुवार को आने वाले है. कड़ी सुरक्षा के बीच देशभर में  542 और चार राज्‍यों-आंध्रप्रदेश, ओडीसा, सिक्किम तथा अरूणाचल प्रदेश की विधानसभा चुनावों की मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वोटो की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी. 542 सीटों के लिए आठ हजार से अधिक उम्‍मीदवार चुनावी रण में हैं. लोकसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम राज्य मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 29 लोकसभा सीटों के रुझान भी बस कुछ ही समय में सामने आने लगेंगे.

मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटों के लिए मतदान चार चरणों में 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई एवं 19 मई को हुआ. पहले चरण में 6 सीटों पर चुनाव हुए. जिनमें सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट एवं छिंदवाड़ा शामिल हैं. जबकि 6 मई को दूसरे चरण में सात सीटों पर चुनाव हुए. इनमें टीकमगढ़, दमोह, सतना, होशंगाबाद, बैतूल, खजुराहो एवं रीवा शामिल हैं. वहीं 12 मई को तीसरे चरण के तहत 8 सीटों पर वोट डाले गए. जिनमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, भोपाल, सागर ,विदिशा एवं राजगढ़ शामिल हैं. जबकि 19 मई को चौथे चरण में 8 सीटों पर चुनाव हुए. इनमें देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, इंदौर, धार, खरगौन एवं खंडवा शामिल हैं.

MP की इन 5 सीटों पर सबकी नजर-

भोपाल लोकसभा सीट-

मध्य प्रदेश की इस संसदीय सीट से सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह चुनावी रण में है. जबकि उनके सामने बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर खड़ी है. यहां दोनों नेताओं के बीच कड़ा मुकाबला होने का अंदेशा जताया जा रहा है. हालांकि भोपाल संसदीय क्षेत्र बीजेपी का गढ़ समझा जाता है. यहां साल 1989 से तमाम दांव पेंच लगाने के बावजूद भी कांग्रेस जीत नहीं सकी.

गुना लोकसभा सीट-

गुना (Guna) संसदीय क्षेत्र से बीजेपी वर्षों से गायब है. यहां स‍िंधिया परिवार की पकड़ बहुत मजबूत मानी जाती है. पिछले चार लोकसभा चुनावों से लगातार कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जीत का परचम लहरा रहे है. कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य इस बार भी यहां कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी है. जबकि बीजेपी ने केपी यादव को ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने चुनावी रण में उतारा है. गुना में अब तक हुए लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस 9 बार जीत चुकी है. जबकि बीजेपी महज 4 बार जीत पाई.

ग्वालियर लोकसभा सीट-

इस सीट पर केवल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ही बल्कि देशभर की नजर होगी. ग्वालियर (Gwalior) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारतीय राजनीति में बहुत अहम माना जाता है. ग्वालियर संसदीय क्षेत्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सिंधिया परिवार के नाते अहम बन गया. हालांकि यह सीट बीजेपी के मजबूत किले में से एक है.  भारतरत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी ने 1971 में अपने जन्म स्थान ग्वालियर से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इसके अलावा यहां से ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया, कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया, यशोदाराजे सिंधिया जैसे कई VVIP जीतकर संसद पहुंचे चुके हैं. इस बार यहां से बीजेपी के महापौर विवेक शेजवलकर और कांग्रेस के अशोक सिंह में मुकाबला है.

इंदौर लोकसभा सीट-

इस सीट पर पिछले 30 साल से बीजेपी का कब्जा रहा है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (76) इंदौर से वर्ष 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार चुनाव जीत चुकी हैं. लेकिन 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने के फैसले के कारण बीजेपी ने इस बार इंदौर से अपना उम्मीदवार बदल दिया. इस बार बीजेपी ने अपने स्थानीय नेता शंकर लालवानी (57) को महाजन की जगह टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस ने पंकज संघवी को चुनावी मैदान में उतारा है.

विदिशा लोकसभा सीट-

विदिशा की वर्तमान सांसद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. सिंधिया परिवार का विदिशा में प्रभाव होने के कारण पार्टी ने काफी मंथन के बाद रमाकांत भार्गव को चुनावी रण में उतारा जबकि कांग्रेस ने उनके सामने शैलेंद्र पटेल पर दांव लगाया है. विदिशा में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पैतृक गांव है. इस संसदीय क्षेत्र से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1991 के चुनाव में जीत दर्ज की थी.