नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारा लगभग सभी पार्टियों के लिए सिरदर्द बन गया है. ना केवल देश की शीर्ष पार्टिया बीजेपी और कांग्रेस ही इससे जूझ रही है बल्कि क्षेत्रीय पार्टियों में भी बगावत की खबरे है. इसी कड़ी में बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) अपनी सीट बदले जाने से बेहद खफा बताए जा रहे हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव न लड़ने का संकेत दिया है. उधर बीजेपी भी अपने दिग्गज नेता को मनाने का अब तक कोई जरिया नहीं ढूंढ सकी है.
बीजेपी के शीर्ष नेता गिरिराज सिंह मौजूदा समय में बिहार की नवादा लोकसभा सीट से सांसद हैं. लेकिन बिहार एनडीए (NDA) में सीट बंटवारे के बाद यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के खाते में चली गई है. जिसके बाद गिरिराज सिंह ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सूत्रों के मुताबिक कई वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की पर वे नहीं मान रहे हैं. उन्होंने नवादा सीट न मिलने के लिए बिहार बीजेपी नेतृत्व को दोषी ठहराया है.
Sushil Modi, BJP: Giriraj Singh Ji will contest from Begusarai (Bihar) only. He wanted to contest from there (Nawada). But I have faith that Giriraj Singh Ji will not go against party's decision. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/ye3WbC52oL
— ANI (@ANI) March 26, 2019
अपनी सीट बदले जाने के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था, "मैं कार्यकर्ता था, कार्यकर्ता हूं और कार्यकर्ता रहूंगा." गिरिराज ने कहा था कि अगर वे चुनाव लड़ेंगे, तो नवादा लोकसभा सीट से, वरना चुनाव ही नहीं लड़ेंगे. सिंह का कहना है की उन्हें बेगूसराय से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन वह अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकते.
यह भी पढ़े- बेगूसराय से उम्मीदवार बनाए जाने पर गिरिराज सिंह का छलका दर्द, कन्हैया कुमार ने कसा तंज
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि मुझे भरोसा है गिरिराज सिंह पार्टी के फैसले के खिलाफ नहीं जाएंगे. और वे बेगूसराय से ही चुनाव लड़ेंगे.
Giriraj Singh, BJP: My self respect is hurt that no other MP's seat was changed in Bihar. It was decided without talking to me. State BJP leadership should tell me why was it done. I've nothing against Begusarai but I can't compromise with my self respect. #LokSabhaElection2019 pic.twitter.com/g7ld6k3myF
— ANI (@ANI) March 25, 2019
पॉलिटिकल पंडितों की मानें तो गिरिराज सिंह का बेगूसराय से चुनाव नहीं लड़ने का कारण बहुत बड़ा है. दरअसल नवादा सीट पर जातीय समीकरण सिंह के फेवर में था इसलिए उन्हें यहां आसानी से जीत मिल सकती थी. जबकि इसके उलट बेगूसराय में गिरिराज सिंह की जीत कठीन है. यहां उनका मुकाबला स्थानीय स्तर पर काफी लोकप्रिय राजद के तनवीर हसन से है. इसके अलावा इसी सीट पर कन्हैया कुमार भी सीपीआई (CPI) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर रहे है. इसलिए अगर गिरिराज बेगूसराय में हार जाते है तो उनका राजनीतिक भविष्य खराब हो सकता है.