चारा घोटाला: जमानत के लिए लालू प्रसाद एक बार फिर खटखटाएंगे झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट कर चुका है खारिज
लालू प्रसाद यादव (File Photo)

चारा घोटाला (Fodder Scam) मामले में सजायाफ्ता बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में अपनी जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जमानत याचिका देवघर (Deoghar) कोषागार से अवैध निकासी मामले में मिली सजा को लेकर है. लालू प्रसाद को देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है. इस मामले में वह डेढ़ साल से जेल में है. करीब आधी सजा वह काट चुके हैं. लालू प्रसाद इसी आधार पर जमानत देने के लिए याचिका दायर करेंगे.

हालांकि, लालू प्रसाद के तरफ से यह जमानत याचिका सोमवार को ही दायर की जानी थी लेकिन कोर्ट की कार्यवाही स्थगित हो जाने के कारण याचिका दाखिल नहीं हो सकी थी. उधर, सीबीआई की तरफ से हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर लालू प्रसाद सहित अन्य की सजा को बढ़ाने की मांग की गई है. सीबीआई की याचिका में कहा गया है कि इस मामले में जगदीश शर्मा सहित तीन अन्य को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है. सभी पर आरोप समान थे, इसलिए लालू प्रसाद की सजा साढ़े तीन साल से बढ़ाकर 7 साल करनी चाहिए. यह भी पढ़ें- लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन आज, बड़े बेटे तेजप्रताप काटेंगे 72 पाउंड का केक

बता दें कि सजायाफ्ता लालू प्रसाद का इन दिनों के झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में इलाज चल रहा है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को चारा घोटाला मामले में ही लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. लालू प्रसाद ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के झारखण्ड हाई कोर्ट के 10 जनवरी के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. जिस समय चारा घोटाला हुआ था उस समय लालू बिहार मुख्यमंत्री के पद पर थे. लालू ने हाई कोर्ट में अपनी उम्र और गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वह मधुमेह, रक्तचाप और कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्हें चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में पहले ही जमानत मिल गई है. आरजेडी सुप्रीमो को झारखंड में स्थित देवघर, दुमका और चाईबासा के दो कोषागारों से धोखे से धन निकालने के आरोप में दोषी ठहराया गया है.