उन्नाव रेप केस: निष्कासित बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार, कल होगा सजा का ऐलान
उन्नाव अपहरण और बलात्कार मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने सोमवार को दोषी ठहराया है. यह मामला साल 2017 का है. कुलदीप सिंह सेंगर ने साल 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था. उस समय युवती नाबालिग थी.
उन्नाव अपहरण और बलात्कार मामले (Unnao Rape and Kidnapping Case) में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दिल्ली (Delhi) के तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने सोमवार को दोषी ठहराया है. हालांकि जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने इस मामले में एक अन्य आरोपी शशि सिंह (Shashi Singh) को सभी आरोपों से बरी कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर की सजा का ऐलान मंगलवार (19 दिसंबर) को किया जाएगा. यह मामला साल 2017 का है. कुलदीप सिंह सेंगर ने साल 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था. उस समय युवती नाबालिग थी.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने कुलदीप सिंह सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था. कोर्ट ने नौ अगस्त को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे. यह भी पढ़ें- उन्नाव रेप पीड़िता का आरोप- विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने ही एक्सीडेंट के जरिए रची थी मुझे मारने की साजिश.
कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाने वाली युवती की कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी. दुर्घटना में युवती की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तर प्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए निर्देश दिया कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए. न्यायालय ने यह व्यवस्था पीड़िता द्वारा भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए दी थी.
बलात्कार मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों से जिरह हुई. बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए यहां स्थित एम्स अस्पताल में एक विशेष अदालत भी बनाई गई. पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई एंबुलेन्स के जरिये दिल्ली ला कर यहां भर्ती कराया गया था.