कोच्चि : केंद्र सरकार द्वारा आवंटित मुआवजे पर मतभेदों के बीच बाढ़ प्रभावित जिलों के दौरे के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू के नेतृत्व में एक टीम शनिवार को केरल पहुंची. यहां पहुंचने के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और उनकी टीम ने हवाईअड्डे से एक हेलीकॉप्टर लिया और बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित जिले अलाप्पुझा के लिए रवाना हो गए.
एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात दिल्ली लौटने से पहले वे कोट्टायम का भी दौरा करेंगे.
रिजीजू ने मीडिया को यहां बताया कि मुआवजे का पैकेज दिशानिर्देशों पर आधारित होगा. उन्होंने कहा,"जब कोई आपदा होती है तो केंद्र और राज्य संयुक्त रूप से काम करते हैं और दोनों अपने संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं. हमने पहले ही शुक्रवार को 80 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है."
भारी बारिश के कारण दो सप्ताह में राज्य के अधिकांश हिस्सों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. सर्वाधिक प्रभावित जिलों में इडुक्की, एर्नाकुलम, कोझिकोड, त्रिशूर, वायनाड, पलक्कड़ और कन्नूर शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में 10,000 से ज्यादा लोग रखे गए हैं.
बारिश में मृतकों की संख्या 20 तक पहुंच गई और राज्य के कृषि मंत्री वी.एस. सुनील कुमार के अनुसार, कुल नुकसान 900 करोड़ रुपये से अधिक हुआ है.
सुनील कुमार ने शनिवार को कहा, "लगभग 22,000 हेक्टेयर कृषि उपज नष्ट हो गई है. सबसे बड़ी कमी मुआवजे की दर है, जो पुराने मानदंड पर निर्धारित है और अपर्याप्त हैं."
उन्होंने कहा कि करीब 220 करोड़ रुपये की फसल का नुकसान हुआ है. सुनील कुमार ने कहा कि हम केंद्र को पुराने मुआवजा दरों में वृद्धि करने की फौरी जरूरत से फिर वाकिफ कराएंगे.
मुआवजे में कमी को स्पष्ट करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि एक घर के लिए उपलब्ध कराई गई 95,000 रुपये की मुआवजा राशि पूरी तरह नष्ट हो गई.
उन्होंने कहा, "हमने इसे बढ़ाने की मांग की है क्योंकि इसे चार लाख रुपये किए जाने की जरूरत है."