नई दिल्ली: कावेरी नदी (Kaveri River) पर बांध (Dam) बनाए जाने समेत विभिन्न मुद्दों पर अन्नाद्रमुक, द्रमुक सहित विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बृहस्पतिवार को शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया. संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले की आज 17वीं बरसी है. उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही उस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद सभापति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने कहा कि अलग अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए उन्हें चार नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु (Tamil Nadu), जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir), आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) से जुड़े मुद्दों तथा अन्य सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा कराई जाएगी. नायडू अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए थे कि अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने के विरोध में नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आए गए. द्रमुक के सदस्य भी यही मुद्दा उठाते हुए अपने स्थानों से आगे आ गए. वाईएसआर कांग्रेस (Congress) के सदस्य आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए.
अन्य दलों के सदस्य अपने अपने स्थानों से ही अपने मुद्दे उठाने की कोशिश करते रहे. सभापति ने आसन के समक्ष आए सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा ‘‘हर मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सदन चले.’’ उन्होंने कहा ‘‘आज ही, संसद हमले की 17वीं बरसी पर, हमले में जान गंवाने वालों को हमने श्रद्धांजलि दी है.
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उनके बलिदान को याद करते हुए सदन में कम से कम आज कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए. इससे गलत संदेश जाएगा. ’’ सभापति ने कहा कि वह नहीं चाहते कि लोग सदन में इस तरह की स्थिति को देखें. उन्होंने कहा कि अगर सदस्य अपने स्थानों पर वापस नहीं जाएंगे तो उन्हें सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. अपनी बात का असर नहीं होते देख, नायडू ने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी.