कश्मीर: राम माधव के बयान पर जेडीयू ने जताई आपत्ति, कहा- पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाना सही नहीं
बीजेपी महासचिव राम माधव ( Photo Credit: ANI )

सीमावर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में सियासी घमासान जारी है. वहां सभी सियासी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा था कि संभव है कि इन्हें (पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को) सीमा पार से निर्देश मिले हों कि यह सभी एकसाथ आकर सरकार बनाएं. माधव के इसी बयां पर एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने आपत्ति जताई है. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा राम माधव को कश्मीर के दो बड़े नेता महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिए था. ऐसे बयान की कोई आवश्यकता नहीं थी.

केसी त्यागी ने कहा, "राम माधव के बयान से असहमत हूं, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने कई मौकों पर पाकिस्तान के विरुद्ध बयान किया है. पडोसी मुल्क की नीतियों की आलोचना की है." बता दें कि जेडीयू बीजेपी की सहयोगी पार्टी है. अगले आम चुनाव में भी दोनों का गठबंधन होना लगभग तय है.

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ज्ञात हो कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जम्मू एवं कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने आरोप लगाया था कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) व नेशनल कांफ्रेंस ने बीते महीने स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार किया क्योंकि उन्हें सीमा पार (पाकिस्तान) से निर्देश मिले थे. इस मामले में जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) नेता उमर अब्दुल्ला ने पलटवार किया.

अब्दुल्ला ने कहा कि राम माधव से नेशनल कांफ्रेंस पर पाकिस्तान से संबंधों के आरोपों को साबित करे या माफी मांगे. अब्दुल्ला ने कहा कि राम माधव बेबुनियाद आरोप नहीं लगाएं और इसके बजाय आरोपों के साक्ष्य दें. उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैं आपको (राम माधव को) अपने आरोपों को साबित करने की चुनौती देता हूं। आप के पास रॉ, एनआईए, आईबी और सीबीआई (आपका तोता) हैं। इसलिए लोगों के बीच सबूत पेश करने की हिम्मत दिखाएं। आरोप को साबित करें या फिर माफी मांगने की क्षमता रखें। निशाना लगाकर भाग जाने की राजनीति नहीं करें।"

अब्दुल्ला ने राम माधव को नरम पड़ने और यह कहने पर मजबूर कर दिया कि वह किसी की देशभक्ति पर सवाल नहीं कर रहे हैं