करुणानिधि हमेशा पहनते थे काला चश्मा, जानें इसके पीछे का रहस्य
बता दें कि करुणानिधि ने काला चश्मा 1960 के दशक में तब पहनना शुरू किया था, जब एक हादसे में उनकी बायीं आंखी जख्मी हो गई. इसके बाद से मोटी फ्रेम का चश्मा करुणानिधि की स्टाइल में शामिल हो गया.
चेन्नई: तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एम. करुणानिधि का मंगलवार शाम 94 साल की उम्र में निधन हो गया. करुणानिधि के निधन के साथ ही तमिलनाडु समेत पूरे देश में शोक की लहर है. राज्य में एक दिन का अवकाश और सात दिन का शोक घोषित किया गया है. बताना चाहते है कि करुणानिधि दक्षिण की राजनीति के पितामह कहे जाते थे. जब भी करुणानिधि की तस्वीर जहन में बनती है, तो काला चश्मा पहने, सफेद कपड़ों में पीला शॉल ओढ़े एक शख्स याद आता है. करुणानिधि पिछले 50 साल से चश्मा पहन रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज ही चेन्नई पहुंचेंगे. पीएम यहां करुणानिधि के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करेंगे और उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. जानिए उनके काले चश्मे की पूरी कहानी.
बता दें कि करुणानिधि ने काला चश्मा 1960 के दशक में तब पहनना शुरू किया था, जब एक हादसे में उनकी बायीं आंखी जख्मी हो गई. इसके बाद से मोटी फ्रेम का चश्मा करुणानिधि की स्टाइल में शामिल हो गया.
करुणनिधि हमेशा सफेद कपड़े और पीला शॉल पहनते थे.हर रोज वे अपनी दाढ़ी बनाते थे. पिछले साल करुणनिधि को उनके डॉक्टर ने सलाह दी थी कि वे अपने चश्मे का फ्रेम बदल लें.
पूरे देश में करुणानिधि के लिए सूटेबल फ्रेम की तलाश की गई. 40 दिन तक सर्च किए जाने के बाद, जो फ्रेम करुणानिधि को आरामदायक लगा, उसे जर्मनी से मंगाया गया था. जर्मनी से इस चश्मे को चेन्नई बेस्ड विजया ऑप्टीकल ने इम्पोर्ट कराया था. ये फ्रेम वजन में बेहद हल्का था.
सबसे अहम डॉक्टर्स की सलाह पर करीब 46 साल बाद करुणानिधि ने अपना चश्मा बदला था. करुणनिधि पिछले एक साल से काफी बीमार थे. वे बाहर नहीं जाते थे, इसलिए उन्हें चश्मे की जरूरत कम ही पड़ती थी. इसी कारण वे आसानी से इसे बदलने के लिए राजी भी हो गए.
गौरतलब है कि द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि इसी जून में 94 साल के हुए थे. उनके जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी, पूर्व PM एचडी देवगौड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी थी.