Karnataka New CM: जानें कौन हैं बसवराज बोम्मई, जिन्हें BJP ने सौंपी कर्नाटक की कमान
बसवराज बोम्मई मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और पेशे से कृषक और उद्योगपति, उन्होंने जनता परिवार के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. वह 1998 और 2004 में धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे. फरवरी 2008 में भाजपा में शामिल होने के बाद, जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने, तो वे हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए
बेंगलुरु: बसवराज सोमप्पा बोम्मई (Basavaraj S Bommai) को मंगलवार को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने के बाद वे बुधवावर को 30वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. ख़बरों के अमुसर राज्यपाल राज्यपाल थावर चंद गहलोत (Thawar Chand Gehlot) उन्हें शपथ दिलवाएंगे. वहीं सीएम पद की शपथ ग्रहण ग्रहण करने से पहले बसवराज सोमप्पा बोम्मई मंगलवार के रात राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. बीजेपी नेता व कर्नाटक सरकार में गृह मंत्री बसवराज सोमप्पा बोम्मई के बारे में शायद हर कोई नहीं जानता होगा कि वे कर्नाटक के किस विधानसभा क्षेत्र से आते हैं और बीजेपी में वे कब शामिल आये. इसमे हम उनसे जुडी खास बाते आपको बताने जा रहे हैं.
बसवराज सोमप्पा बोम्मई 28 जनवरी, 1960 को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल नेता एस.आर. बोम्मई के बेटे हैं. बसवराज, 2008 में जनता परिवार से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे और येदियुरप्पा ने भी पार्टी की रक्षा करने की उनकी क्षमता की सराहना की थी. यह भी पढ़े: Basavaraj Bommai Oath Ceremony: बसवराज बोम्मई कल लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद BJP ने सौंपी कर्नाटक की कमान
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और पेशे से कृषक और उद्योगपति, उन्होंने जनता परिवार के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. वह 1998 और 2004 में धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे. फरवरी 2008 में बीजेपी में शामिल होने के बाद, जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने, तो वे हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए.
राज्य में सिंचाई मामलों के अपने ज्ञान और असंख्य सिंचाई योजनाओं में योगदान के लिए व्यापक रूप से प्रशंसित, उन्हें हावेरी के शिगगांव में भारत की पहली 100 प्रतिशत पाइप सिंचाई परियोजना को लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है. (इनपुट एजेंसी के साथ)