कुमारस्वामी सरकार के गिरने के बाद बीएसपी विधायक ने तोड़ी चुप्पी, कहा- फ्लोर टेस्ट में मैंने वहीं किया जो मुझे पार्टी ने कहा था

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार के गिरने के बाद बुधवार को फ्लोर टेस्ट से गायब रहने वाले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) विधायक एन महेश मीडिया के सामने आए. बीएसपी विधायक ने चौकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने वहीं किया जो उनसे पार्टी आलाकमान ने कहा था.

मायावती और एन महेश (File Photo)

बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार के गिरने के बाद बुधवार को फ्लोर टेस्ट से गायब रहने वाले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) विधायक एन महेश मीडिया के सामने आए. बीएसपी विधायक ने चौकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने वहीं किया जो उनसे पार्टी आलाकमान ने कहा था. दरअसल बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने एकमात्र विधायक को गठबंधन सरकार के पक्ष में वोट डालने के लिए कहा था, लेकिन एन महेश कल हुए फ्लोर टेस्ट में शामिल ही नहीं हुए. जिससे नाराज होकर मायावती ने एच डी कुमारस्वामी के विश्वास मत हारने के कुछ ही घंटे बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एन महेश ने कहा कि मैंने बेहेन जी के आदेश का उल्लंघन नहीं किया है. उन्हें पार्टी प्रभारी अशोक सिद्धार्थ ने वोटिंग से दूर रहने का निर्देश दिया था. इसलिए उन्होंने फ्लोर टेस्ट में अनुपस्थित होकर कुछ भी गलत नहीं किया है. विधायक ने आगे कहा कि वह अभी भी बीएसपी में है और जो भी गलतफहमी हुई है वह सही कर ली जाएगी.

पार्टी से निकाले जाने को लेकर एन महेश ने कहा “मैं करीब एक हफ्ते के लिए बेंगलुरु से बाहर गया हुआ था. आज सुबह मुझे पता चला कि मुझे पार्टी से निकाल दिया गया है. मेरी पार्टी सुप्रीमो से भी बात नहीं हुई है.”

गौरतलब हो कि बीएसपी प्रमुख मायावती ने कर्नाटक में पार्टी के एकमात्र विधायक को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से कल निलंबित कर दिया था. पार्टी ने कर्नाटक में विश्वास मत (फ्लोर टेस्ट) के दौरान अपने विधायक को कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मत डालने के लिए कहा था लेकिन विधायक ने ऐसा नहीं किया.

मायावती ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा, "बीएसपी विधायक एनमहेश को कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मत डालने के लिए निर्देश दिए गए थे. लेकिन, वह सदन से अनुपस्थित रहे. यह स्पष्ट तौर पर अनुशासनहीनता है और पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है. महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है."

कर्नाटक के मुकह्य्मंत्री कुमारस्वामी ने विश्वास मत हासिल नहीं कर पाने के कारण कल पाने पद से इस्तीफा दें दिया. विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 99 और विपक्ष में 105 वोट पड़े. जिसके कारण 14 महीने पुरानी गठबंधन की सरकार से सत्ता छीन गई.

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