कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को अपराध दर पर बहस की चुनौती दी
बता दें कि प्रधानमंत्री ने सूबे में एक रैली में लोगों को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस के शासन में राज्य में कानून व व्यवस्था की स्थिति बर्बाद हो गई है
बेंगलुरु | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपराध और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कर्नाटक व बीजेपी शासित राज्यों की तुलना के आधार पर मोदी को खुली बहस की चुनौती दी. कांग्रेस सरकार के दौरान कर्नाटक में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने के मोदी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने ट्वीट किया, "कर्नाटक में असमान्य तरीके से अपराध नहीं बढ़ा है. प्रधानमंत्री राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपराध दर के बढ़ने वाला झूठ दोहरा रहे हैं."
बता दें कि प्रधानमंत्री ने सूबे में एक रैली में लोगों को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस के शासन में राज्य में कानून व व्यवस्था की स्थिति बर्बाद हो गई है. सिद्धारमैया ने कहा, "मैं उन्हें (मोदी को) एक मंच पर इस मुद्दे पर खुली बहस करने की चुनौती देता हूं कि कर्नाटक में कानून व्यवस्था की स्थिति कैसी है और बीजेपी शासित राज्यों में कैसी?"
प्रधानमंत्री ने राज्य के तटवर्तीय उडुपी में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है.
उन्होंने कहा, "यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार राज्य में हिंसा की इजाजत दे रही है और बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की यहां मौत हुई है. कांग्रेस को अपराध की बढ़ती घटनाओं पर अवश्य जवाब देना चाहिए."
राज्य पुलिस हालांकि इससे पहले कह चुकी है कि कुछ लोगों की हत्याएं 'न तो सांप्रदायिक हैं और न ही राजनीतिक.'
सिद्धारमैया ने मोदी की उन टिप्पणियों का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने सिद्धारमैया पर हार के डर से दो विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का जिक्र किया है.
सिद्धारमैया ने कहा, "मिस्टर नरेंद्र मोदी, क्या इसी डर से आपने लोकसभा का चुनाव दो जगहों, वाराणसी और वडोदरा से लड़ा था? निश्चित ही आप 56 इंच के आदमी हैं और आपके पास इसका जरूर कुछ चालाकी भरा स्पष्टीकरण होगा।"
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "दो सीटों के बारे में भूल जाइए, सर। इस बात की चिंता कीजिए कि आपकी पार्टी (आगामी विधानसभा चुनाव में) 60-70 सीट भी नहीं जीत पाएगी।"