कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018: 12 मई को वोटिंग, 15 को आएंगे नतीजे, जाने क्या है सियासी समीकरण

राज्य में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं

2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी कर्नाटक विधानसभा के चुनाव काफी अहम माने जा रहे हैं (File Photo)

भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होंगे और नतीजे 15 मई को घोषित किए जाएंगे. राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग एक चरण में होगी. कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 28 मई को समाप्त हो रहा है. राज्य में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं. सूबे में कांग्रेस, बीजेपी और जनता दल सेक्युलर के बीच मुकाबला है. इस बार कर्नाटक में चुनाव के दौरान ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट मशीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

कर्नाटक में 4.90 करोड़ वोटर हैं. इस बार प्रत्याशी प्रचार में 28 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर पाएंगे. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 56 हजार पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे और सुरक्षा के पुख्ता इन्तेजाम होंगे.

2013 के आंकड़े:

कर्नाटक की 225 विधानसभा सीटों में से 224 सीटों पर चुनाव होने हैं. जबकि एक सीट पर ऐंग्लो-इंडियन समुदाय से सदस्य मनोनीत होगा. बहुमत का आंकड़ा 113 है. साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 122 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी जबकि बीजेपी के खाते में 40, और जदयू(एस) के खाते में 40 सीटें गई थी. बीजेपी से बागी हुए बीएस येद्दयुरप्पा केवल 6 सीट जीतने में ही कामयाब हुए थे.

2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 36.6 प्रतिशत वोट मिले थे. जनता दल सेक्युलर और बीजेपी को 20-20 प्रतिशत वोट मिले थे. अन्य दलों ने 23.3 फीसदी वोट मिले थे. दक्षिण भारत में केवल कर्नाटक ही ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस सत्ता में है.

चुनावी मुद्दा:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा लिंगायत समाज होगा. यह समाज बीजेपी का पारंपरिक वोटर रहा है और बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा इसी समाज से हैं. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए केंद्र से सिफारिश की है.

सिद्धारमैया के इस फैसले को कांग्रेस के लिए मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है . वहीं इस फैसले से बीजेपी चिंतित नजर आ रही है. राज्य में लिंगायत समाज की आबादी 17 प्रतिशत है. बताया जाता है कि ये राज्य की 80 से ज्यादा सीटों पर सीधा असर डालते हैं. मौजूदा समय में कर्नाटक विधानसभा में 52 विधायक लिंगायत समाज से है. कर्नाटक की सियासत में दलित और मुस्लिम भी अहम भूमिका निभाते हैं.

स्टार प्रचारक:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से पीएम मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और बीएस येदियुरप्पा कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए प्रचार कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राहुल गांधी ने प्रचार की कमान संभाली हुई है. जेडीएस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और उनके बेटे एचडी कुमार स्वामी प्रचार में जुटे हैं.

बहरहाल, साल 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी कर्नाटक विधानसभा के चुनाव काफी अहम माने जा रहे हैं. देखना दिलचस्प होगा की इन चुनावों में जनता किसका साथ देगी.

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