Kangana Ranaut Controversial Statement: 'कंगना रनौत को पार्टी की नीति पर बयान देने की अनुमति नहीं है', मंडी सांसद के बयान पर भाजपा ने दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस लगातार कंगना के बयान पर बीजेपी से प्रतिक्रिया मांग रही थी, जिस पर आज बीजेपी ने अपना रूख साफ कर दिया है. बीजेपी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के संबंध में दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है.

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Kangana Ranaut Controversial Statement: बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश की मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने बीते दिनों किसान आंदोलन को लेकर एक विवादित बयान दिया था. उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हंगामा मच गया था. कांग्रेस लगातार कंगना के बयान पर बीजेपी से प्रतिक्रिया मांग रही थी, जिस पर आज बीजेपी ने अपना रूख साफ कर दिया है. बीजेपी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के संबंध  में दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है. पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं.

भारतीय जनता पार्टी की ओर से कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें. भारतीय जनता पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' और सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित है.

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मंडी सांसद के बयान से भाजपा ने किया किनारा

दरअसल, एक मीडिया इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि जो बांग्लादेश में हुआ है, वह भारत में भी होते हुए देर नहीं लगती. अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता, तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब में बांग्लादेश जैसे हालत हो जाते. किसान आंदोलन के दौरान हत्याएं हो रही थीं और महिलाओं से रेप हो रहा था. जब किसानों के हितकारी बिल वापस लिए तो पूरी देश चौंक गया था, जबकि वे किसान आज भी वहां बैठे हुए हैं. किसान बिल को वापस लिया गया, अन्यथा इन उपद्रवियों की योजनाएं बहुत गंभीर थीं और वे देश में कुछ भी कर सकते थे.

''उन प्रदर्शनकारी किसानों ने यह कभी सोचा ही नहीं था कि बिल को वापस लिया जाएगा. वह बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे आज बांग्लादेश में हुआ है. देश में किसानों के नाम पर विदेशी शक्तियां काम कर रही हैं. कुछ लोग चाहते हैं कि बस उनकी दूकान चलती रहे और देश भले ही भाड़ में चला जाए. लेकिन इन्हें सोचना चाहिए कि देश अगर भाड़ में जाएगा तो सभी भाड़ में जाएंगे.''

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