Jharkhand Assembly Election 2019: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार यानि आज पांचवें चरण के लिए वोटिंग के साथ मतदान संपन्न हो चूका है. पांचवें चरण के अंतर्गत 16 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान किया गया. मतदान के पश्चात् अब कुछ ही देर में एग्जिट पोल आनें शुरू होंगे. बता दें कि प्रदेश में डेढ़ महीने से अधिक समय से चल रही झारखंड विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में पहले चरण की वोटिंग 30 नवंबर को 13 सीटों पर हुई थी. दूसरे चरण में सात दिसंबर को 20, तीसरे चरण में 12 दिसंबर को 17 और चौथे चरण में 16 दिसंबर को 15 सीटों पर मतदान हुआ. मतदान के बाद 23 दिसंबर को मतगणना होगी. वोटों की गिनती के साथ ही इस दिन नतीजे भी घोषित किए जाएंगे.
बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव का कार्यकाल अगले महीनें पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है. झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें 28 अनुसूचित जनजाति और 9 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. राज्य के 24 में से 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं. 67 विधानसभा क्षेत्रों को नक्सलग्रस्त बताया गया है. चुनाव आयोग के अनुसार इस बार प्रदेश में दो करोड़ 27 लाख मतदाताओं को वोटिंग करने का मौका मिला था.
चुनाव से पहले एक सर्वे रिपोर्ट में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सबसे अधिक 28 से 38 सीट मिलने की संभावना जताई गई थी. इस दौरान कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बढ़त मिलने के आसार दिखाए गए थे. आईएएनएस और सी-वोटर द्वारा झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए किए गए जनमत सर्वेक्षण में यह नतीजे सामने आए हैं. सर्वे के अनुसार, बीजेपी हालांकि राज्य में सबसे पसंदीदा पार्टी है, लेकिन वह 81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सरकार बनाने के लिए आवश्यक 41 सीटों का विजयी आंकड़ा प्राप्त करती नहीं दिख रही है. जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक, विपक्षी झामुमो 18 से 28 सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी के करीब पहुंच सकती है.
इसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को चार से 10 सीटें मिल सकती हैं. राजद द्वारा राज्य में एक बड़ी उपस्थिति दर्ज कराने की संभावना नहीं है, जनमत सर्वेक्षण में उसकी सीटों को अलग से सूचीबद्ध नहीं किया गया है. इन दलों ने पिछला झारखंड विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था. आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) को तीन से नौ सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. बीजेपी व आजसू ने पिछली बार साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार इनका गठबंधन नहीं हो सका. अगर मुकाबला करीबी रहा तो आजसू का साथ छूटना बीजेपी पर भारी पड़ सकता है.
गौरतलब हो कि 2014 के चुनावों में बीजेपी ने 37 सीटें जीती थीं. इसके अलावा आजसू ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिसके बाद इन दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाई. पिछले चुनाव में झामुमो के पास 19 सीटें थीं. वहीं कांग्रेस ने छह और झाविमो ने आठ सीटें जीती थीं जिससे इनकी कुल सीटें 33 तक पहुंच गई थीं. बाकी बची छह सीटें अन्य पार्टियों ने जीती थीं.