श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने रविवार को आतंकवादियों से कहा कि वे सुरक्षाकर्मियों समेत बेगुनाहों की हत्या करना बंद करें और इसके बजाय उन लोगों को निशाना बनायें जिन्होंने वर्षों तक कश्मीर की सम्पदा को लूटा है. राज्यपाल के इस बयान पर राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो सकता है. राज्यपाल के इस बयान की मुख्यधारा के नेताओं ने आलोचना की है.
लद्दाख संभाग के करगिल में एक पर्यटन कार्यक्रम में मलिक ने कहा, ‘‘ये लड़के जिन्होंने हथियार उठाये है वे अपने ही लोगों की हत्या कर रहे हैं, वे पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारियों) और एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारियों) की हत्या कर रहे हैं. इनकी हत्या क्यों कर रहे हो? उनकी हत्या करो जिन्होंने कश्मीर की सम्पदा लूटी है. क्या तुमने इनमें से किसी मारा है?’’
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राज्यपाल की इस टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मलिक को दिल्ली में अपनी प्रतिष्ठा की पड़ताल करनी चाहिए. अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘यह शख्स जो जाहिर तौर पर एक जिम्मेदार संवैधानिक पद पर काबिज है और वह आतंकवादियों को भ्रष्ट समझे जाने वाले नेताओं की हत्या के लिये कह रहा है.’’
बाद में, नेकां नेता ने कहा, ‘‘इस ट्वीट को सहेज लें - आज के बाद जम्मू-कश्मीर में मारे गये किसी भी मुख्यधारा के नेता या सेवारत/सेवानिवृत्त नौकरशाह की अगर हत्या होती है तो समझा जायेगा कि यह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आदेशों पर की गयी है.’’
राज्य कांग्रेस प्रमुख जी ए मीर से पूछा, ‘‘क्या वह जंगल राज को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं?’’
उन्होंने कहा कि मलिक जिस संवैधानिक पद पर हैं, उनका यह बयान उसकी गरिमा के खिलाफ है.
हालांकि राज्यपाल ने फौरन यह भी कहा कि हथियार उठाना कभी भी किसी समस्या का हल नहीं हो सकता और उन्होंने श्रीलंका में लिट्टे का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार कभी हथियार के आगे घुटने नहीं टेकेगी.’’ उन्होंने आतंकवादियों से हिंसा का रास्ता नहीं अपनाने को कहा.