भोपाल, 14 जुलाई: विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिंह ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के चुनाव में ‘खरीद-फरोख्त’ करने का आरोप लगाते हुए, इसकी जांच की मांग है. Presidential Election 2022: CM हेमंत सोरेन का बड़ा ऐलान, राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी JMM
उन्होंने दावा किया कि भगवा पार्टी ‘‘आपरेशन कमल’’ चला रही है, जिसके तहत वह अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए कथित तौर पर ‘‘गैर-भाजपा विधायकों को बड़ी रकम’’ की पेशकश कर रही है, क्योंकि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव परिणाम से डरती है.
कमल भाजपा का चुनाव चिह्न है और हाल के वर्षों में विपक्षी दल, गैर भाजपा शासित राज्यों में सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा पर ‘‘ऑपरेशन कमल’’ चलाने का आरोप लगाते रहे हैं. विपक्षी दल इस शब्द का इस्तेमाल सरकार बनाने के लिए दलबदल करने के भाजपा के कथित प्रयासों को बताने के लिए करते हैं.
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए ओडिशा की एक जनजातीय नेता द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है. राष्ट्रपति पद के लिए इसी महीने की 18 तारीख को मतदान होगा.
कांग्रेस विधायकों से यहां मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिन्हा ने कहा, ‘‘ मैंने आज सुबह गहरे दुख के साथ मध्य प्रदेश के एक प्रमुख अखबार में छपी खबर को शीर्षक के साथ पढ़ा- ‘भाजपा की नजर कांग्रेस के 28 जनजातीय विधायकों पर है, क्रॉस वोटिंग की तैयारी.’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ मैंने विश्वसनीय स्रोतों से यह भी सुना है कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने के लिए गैर- भाजपा विधायकों को बड़ी रकम की पेशकश की जा रही है.’’
सिन्हा ने कहा कि इसका साफ मतलब है कि गणतंत्र के सर्वोच्च पद के चुनाव में भी अब ‘ ऑपरेशन कमल’ लागू किया जा रहा है. इससे यह जाहिर होता है कि भाजपा एक स्वतंत्र और निष्पक्ष राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम से डरती है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आदिवासी विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने एक बैठक के दौरान साफ तौर पर कहा कि उन पर दबाव बनाया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘ देश में किस तरह की राजनीति हो रही है.... राष्ट्रपति चुनाव को भूल जाइए....’’ सिन्हा की टिप्पणी राजनीतिक गलियारों में इस चर्चा के बीच आई है कि भाजपा के एक नेता ने क्रॉस वोटिंग के लिए सिंघार से संपर्क किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘ शुरु से ही वे कहते रहे हैं कि यशवंत सिन्हा हारे हुए उम्मीदवार हैं और वे भारी जनादेश के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीत रहे हैं. अगर ऐसा है तो आप चिंतित क्यों हैं? आप कांग्रेस के 28 आदिवासी विधायकों पर नजर रख रहे हैं और क्रॉस वोटिंग करने जा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ तो मैं जो बात कह रहा हूं वह यह है कि राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं है, यह देश के भविष्य के लिए है.’’
उन्होंने, चुनाव आयोग और राज्यसभा के महासचिव, जो राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी हैं, से सत्तारूढ़ दल की कथित भ्रष्टाचार युक्त तरीकों की जांच करने का आग्रह किया पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘‘‘ऑपरेशन कमल’ का सही नाम ‘ऑपरेशन मल’ (गंदगी) है, क्योंकि यह सत्ताधारी दल के गंदे राजनीतिक भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है. इसका इस्तेमाल विपक्षी दलों में दल-बदल करने और यहां तक कि विपक्षी दलों द्वारा चलाई जा रही प्रदेश सरकारों को गिराने के लिए किया गया है.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के अलावा भाजपा ने इसका इस्तेमाल कर्नाटक, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और हाल ही में महाराष्ट्र में विपक्षी सरकारों को हटाने के लिए किया है. उन्होंने कहा कि वह इस सब में भारत में लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी को सुनते हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अतीत में जब वह भाजपा में थे, तब कि भाजपा और वर्तमान की भाजपा में बहुत अंतर है.
सिन्हा ने कहा, ‘‘ दोनों दल अलग-अलग हैं. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व वाली भाजपा एक वोट से विश्वास मत हार गई थी. 1999 में वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार एक वोट से हार गई थी और मैं इसे एक बहुत ही गौरवमयी अध्याय के रूप में मानता हूं... सिर्फ एक वोट से. क्या अब आप कल्पना कर सकते हैं कि केंद्र या राज्यों में भाजपा सरकार एक वोट से हार सकती है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको यह भी याद होगा कि उस समय विश्वास प्रस्ताव हारने के बाद वाजपेयी जी ने कहा था कि मंडी (बाजार) में माल बिक्री के लिए था, लेकिन हमने खरीदा नहीं. आज उमंग सिंघार जी ने खरीदने की बात की. भाजपा कहां गई है?’’ यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के कुछ लोग अब भी चुनाव में उनका समर्थन कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि स्थिति के सामने आने का इंतजार करना अच्छी बात होगी.
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