लोकसभा चुनाव 2019: मुंबई में कांग्रेस को मोदी लहर के समाप्त होने और मनसे के समर्थन का आसरा

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुम्बई में प्रचार अभियान ने तेजी पकड़ ली है..जहां कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटी है...

प्रतीकात्मक तस्वीर (File Photo)

मुंबई :  लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुम्बई में प्रचार अभियान ने तेजी पकड़ ली है..जहां कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटी है. शिवसेना (Shiv Sena) और बीजेपी के तल्ख रिश्तों के बावजूद चुनाव से ठीक पहले एकसाथ आ जाने से कांग्रेस की मुश्किलें जहां एक ओर बढ़ गईं हैं तो वहीं दूसरी ओर मनसे के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) का कांग्रेस को समर्थन से पार्टी को राहत मिली है. मुम्बई में छह लोकसभा सीटों में से कांग्रेस पांच पर और उसका सहयोगी दल राकांपा एक सीट पर मैदान में हैं.

इस बार कांग्रेस और बीजेपी वर्धा, नागपुर, गढ़चिरौली-चिमूर, चंद्रपुर सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं जबकि रामटेक और यवतमाल-वाशिम में कांग्रेस का मुकाबला शिवसेना से होगा. भंडारा-गोंदिया में राकांपा का मुकाबला बीजेपी से होगा. नागपुर, चंद्रपुर और यवतमाल-वाशिम निर्वाचन क्षेत्रों से क्रमश: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, हंसराज अहीर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे चुनाव लड़ते रहे हैं.

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साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस दो से तीन लाख मतों के अंतर से छह सीटों पर हार गई थी. राकांपा के प्रफुल पटेल को करीब 1.4 लाख मतों के अंतर से भंडारा-गोंदिया सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी के टिकट पर जीतने वाले और पटेल को हराने वाले नाना पटोले साल 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए. इस सीट पर 2018 में हुए उपचुनाव में राकांपा के मधुकर कुकड़े ने जीत दर्ज की थी.

कांग्रेस ने गढ़चिरौली-चिमूर से नामदेव उसेंडी को फिर से उम्मीदवार बनाया है. उसेंडी 2014 में विधायक थे जब वे गढ़चिरौली में कांग्रेस की तरफ से खड़े हुए लेकिन उन्हें पूर्व बीजेपी विधायक अशोक नेटे ने हरा दिया. चंद्रपुर में मौजूदा शिवसेना विधायक सुरेश धनोरकर केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर के खिलाफ पार्टी के उम्मीदवार हैं. मुंबई उत्तर से चुनाव लड़ रहीं अदाकारा उर्मिला मातोंडकर का मुकाबला बीजेपी के गोपाल शेट्टी से है.

वहीं मुंबई उत्तर-मध्य सीट से चुनाव लड़ रहीं कांग्रेस की प्रिया दत्त का मुकाबला बीजेपी की पूनम महाजन से होगा. साल 2014 में विदर्भ से सूपड़ा साफ होने के बाद कांग्रेस अब अपनी खोई जमीन वापस पाने की उम्मीद कर रही है. कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने कहा कि अब मोदी लहर नहीं है और कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘ यहां कांग्रेस के पक्ष में या कांग्रेस विरोधी लहर नहीं है. यह कांग्रेस के पक्ष में काम करेगा. हम संगठन के स्तर पर बीजेपी और शिवसेना से कमजोर हैं, लेकिन हमें जनता का समर्थन हासिल है.’’ वहीं मनसे को मोदी के विरोध में प्रचार कांग्रेस की मदद कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘ मुम्बई में लड़ाई 2014 की तरह एक तरफा नहीं होगी.’’ मुम्बई में 29 अप्रैल को मतदान होने हैं.

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