असम के वित्त मंत्री हिमंत विश्व सरमा (Himanta Biswa Sarma ) ने सोमवार को कहा कि अगर राज्य में पांच लाख से अधिक एक भी व्यक्ति को नागरिकता दी जाती है तो वह राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि हिंदू समुदाय का व्यक्ति ‘जिन्ना नहीं हो सकता क्योंकि वह कभी किसी पर हमला नहीं करता’ और वह धर्मनिरपेक्ष होता है. सरमा ने हिंदू बंगालियों को नागरिकता देने का भी समर्थन किया. बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं को नागरिकता देने का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा , ‘‘एक हिंदू जिन्ना नहीं हो सकता. किसी भी हिंदू राजा ने कोई मस्जिद या मंदिर ध्वस्त नहीं किया है. एक हिंदू हमेशा ही धर्मनिरपेक्ष होता है और किसी पर हमला नहीं करता. हिंदू धर्मनिरपेक्ष हैं.’’ सरमा नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) के प्रमुख हैं.
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता तरूण गोगोई ने छह जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धर्म के आधार पर पाकिस्तान के संस्थापक की तरह ‘द्विराष्ट्र के सिद्धांत’ का पालन करने का आरोप लगाया था. सरमा ने असम विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) असम समझौते का उल्लंघन नहीं करता है.
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उन्होंने असम में कथित तौर पर बढ़ती मुस्लिम आबादी को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि एआईडीयूएफ प्रमुख अजमल बदरूद्दीन या उनके बेटे या उनके पोते 30 साल बाद अगले मुख्यमंत्री होंगे. इसे कोई नहीं रोक सकता.