![हरियाणा सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गीता महोत्सव की तर्ज पर 'कृष्णा उत्सव' का करने जा रही है आयोजन हरियाणा सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गीता महोत्सव की तर्ज पर 'कृष्णा उत्सव' का करने जा रही है आयोजन](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/10/2019-10-24-1-2-380x214.jpg)
चंडीगढ़, 23 सितंबर: हरियाणा सरकार (Government of Haryana) प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गीता महोत्सव (Gita Mahotsav) की तर्ज पर अब 'कृष्णा उत्सव' (Krishna Utsav) का भी आयोजन करने जा रहा है. 'कृष्णा उत्सव' के दौरान सरकार प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) की लीलाओं को मनमोहक अंदाज में लोगों के सामने प्रस्तुत करेगी. राज्य में इस उत्सव की रूपरेखा तैयार करने के लिए प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) ने आज अपने सहयोगियों के साथ एक अहम बैठक की. इस बैठक में प्रदेश के कई बड़े पदाधिकारी शामिल रहे.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस दौरान कहा कि, 'जिस प्रकार से फरीदाबाद जिले में 'सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला' व कुरूक्षेत्र के 'गीता महोत्सव' का राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष महत्व है, उसी प्रकार प्रस्तावित 'कृष्णा-उत्सव' का भी आयोजन किया जाना चाहिए.
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘कृष्णा-उत्सव’ शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar की अध्यक्षता में उत्सव की रूपरेखा को लेकर चर्चा हुई।
उत्सव में श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों को झांकी, संगीत, नृत्य व आधुनिक तकनीक के सहयोग से मनमोहक अंदाज में दिखाया जाएगा। pic.twitter.com/8bdSFvjhv5
— CMO Haryana (@cmohry) September 22, 2021
बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण का हरियाणा की भूमि से खास संबंध जुड़ा हुआ है. उन्होंने महाभारत युद्ध के दौरान यहीं पर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. गीता में कर्म की महत्ता को समझाया गया है.
मुख्यमंत्री ने ‘कृष्णा-उत्सव’ के बारे में निर्देश दिए कि जिस प्रकार से फरीदाबाद जिले में 'सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला' व कुरूक्षेत्र के 'गीता महोत्सव' का राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष महत्व है, उसी प्रकार प्रस्तावित ‘कृष्णा-उत्सव’ का आयोजन किया जाना चाहिए।
— CMO Haryana (@cmohry) September 22, 2021
'कृष्णा उत्सव' के दौरान प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के बाललीला से लेकर रासलीला तक और एक साधारण मनुष्य से लेकर उनके राजा और कर्मयोगी आदि तक के दर्शन कराए जाएंगे.