दक्षिण अफ्रीका के हवाले नहीं होंगे गुप्ता बंधु
दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके गुप्ता बंधु करीब साल भर से यूएई की गिरफ्त हैं.
दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके गुप्ता बंधु करीब साल भर से यूएई की गिरफ्त हैं. अब उन पर वहीं मुकदमा चलाने की तैयारी हो रही है.संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अदालत ने अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता को दक्षिण अफ्रीका के हवाले करने की दरख्वास्त ठुकरा दी है. यह जानकारी खुद दक्षिण अफ्रीका के कानून मंत्री रोनाल्ड लामोला ने दी है.
दक्षिण अफ्रीका ने कहा गुप्ता बंधुओं को यूएई में गिरफ्तार किया गया
लामोला ने पत्रकारों से कहा, "छह अप्रैल 2023 की शाम, हमें यूएई ने एक मौखिक नोट मुहैया कराया, जिसने हमें हैरान व परेशान किया, हमें पता चला कि यूएई की कोर्ट में प्रत्यर्पण पर सुनवाई 13 फरवरी 2023 को पूरी हो गई और प्रत्यर्पण की हमारी दरख्वास्त विफल रही."
प्रत्यर्पण की अर्जी भले ही खारिज हो गई हो, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के पास गुप्ता बंधुओं के खिलाफ यूएई में मुकदमा दायर करने की विकल्प बचा है. लामोला के मुताबिक यूएई और दक्षिण अफ्रीका में की गई मनी लॉड्रिंग के मामले में यूएई में मुकदमे का रास्ता खुला है. दक्षिण अफ्रीकी न्याय मंत्री के मुताबिक यूएई की अदालत के सामने तत्परता से अपील की जाएगी.
गुप्ता बंधुओं पर कौन से आरोप हैं
2009 से 2018 तक जैकब जुमा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थे. जैकब जुमा और गुप्ता बंधुओं के बीच बेहद करीबी रिश्ते थे.आरोप हैं कि इसी नजदीकी का फायदा उठाकर गुप्ता बंधु ने टेंडर हासिल किये, कैबिनेट की नियुक्तियों को प्रभावित किया और सरकारी राजस्व को चूना लगाया. गुप्ता बंधु इन आरोपों को खारिज करते हैं.
2018 में जैकब जुमा के राष्ट्रपति पद से हटते ही, भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका से फरार हो गए. भ्रष्टाचार के इन आरोपों की जांच के लिए एक आयोग भी बनाया गया. न्यायिक आयोग ने गुप्ता बंधुओं पर आपराधिक मुकदमें दर्ज करने की सिफारिश की.
गुप्ता से "जुप्ता" तक का सफर
1993 में उत्तर प्रदेश का एक गुप्ता परिवार दक्षिण अफ्रीका पहुंचा. वहां परिवार ने सहारा कंप्यूटर्स नाम की कंपनी की स्थापना की. लेकिन 2009 में जैकब जुमा के सत्ता में आते ही गुप्ता बंधुओं का कारोबार और पैसा बेशुमार ढंग से बढ़ने लगा. 2016 में अतुल गुप्ता दक्षिण अफ्रीका के सातवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए.
इसके साथ ही गुप्ता बंधुओं की कंपनियां लौह अयस्क, कोयला खनन, कैबिनेट नियुक्तियां, प्राइवेट जेटों के लिए क्लीयरेंस विवाद में भी फंसने लगीं. जैकब जुमा और गुप्ता बंधुओं पर भ्रष्टाचार के इतने आरोप लगने लगे कि दक्षिण अफ्रीका में उनकी जोड़ी को "जुप्ता" कहा जाने लगा.
दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता परिवार के घर पर छापे
भारत में भी गुप्ता बंधुओं पर मनी लॉड्रिंग के आरोप लगे. 2018 में भारतीय टैक्स अधिकारियों ने गुप्ता बंधुओं के कई ठिकानों पर छापे मारे.
इंटरपोल का नोटिस
2022 इंटरपोल ने अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया. नोटिस में धांधली और कई देशों में मनी लॉड्रिंग के आरोपों को आधार बनाया गया था. इस नोटिस के तहत जून 2022 में गुप्ता बंधुओं को यूएई की राजधानी दुबई में गिरफ्तार किया गया.
यूएई और दक्षिण अफ्रीका के बीच अप्रैल 2021 में प्रत्यर्पण संधि हुई. दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की सरकार को उम्मीद थी कि इस संधि की बदौलत गुप्ता बंधुओं को देश की अदालत के सामने पेश किया जा सकेगा.
ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स)