नई दिल्ली: चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Election 2019) के तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. ऐसे में चुनाव बाद देश का अगला प्रधानमंत्री (Prime Minister) कौन होगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन राजनीति की असली सियासत की बात करे तो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से ही शुरू होता है. जो दिल्ली जाकर खत्म होता है. इस राज्य की बात करे तो इसने जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी समेत देश को सबसे ज्यादा पीएम दिए है. ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगला पीएम भी यूपी से ही होगा होगा.
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में पीएम पद के दो प्रबल उम्मीदवार नरेंद्र मोदी वाराणसी से तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी सीट से चुनाव मैदान में होंगे. इसके अलावा गठबंधन की तरफ से मायावती भी पीएम पद की दावेदारी कर रही हैं. यह भी पढ़े: लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: जानिए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का हाल
पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव
निवर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को फिर से बहुमत हासिल होता है तो एक बार फिर से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठेंगे. यह भी पढ़े: लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी और कांग्रेस की टक्कर पर प्रियंका गांधी का बयान, कहा- मुझसे नहीं, राहुल से है पीएम मोदी का मुकाबला
राहुल गांधी पीएम पद के प्रबल दावेदार
कांग्रेस पार्टी की तरफ से राहुल गांधी भी पीएम पद के प्रबल दावेदार हैं. कांग्रेस को इस चुनाव में जीत मिलती है तो उनका प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है. वे प्रधानमंत्री बनने के बारे में इशारों ही इशारों में कई बार संकेत भी दे चुके है कि वे इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार है. हालांकि ये और बात है कि कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए ने राहुल गांधी के उस बयान पर विरोध जताया था. जिसके बाद राहुल गांधी को स्पष्ट करना पड़ा कि अभी प्रधानमंत्री चेहरे को लेकर किसी का भी नाम तय नहीं है. लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश से पीएम पद के दो प्रबल दावेदार है. मायावती और अखिलेश यादव है. दोनों पार्टी के नेता उत्तर प्रदेश में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने इस गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी गई है. इसका उद्देश्य यह है कि दोनों ही दल जनता के सामने तीसरा विकल्प पेश कर रहे हैं. ऐसे में गठबंधन की तरफ से पीएम पद की प्रबल दावेदार मायावती हो सकती हैं. वहीं गठबंधन के तहत यदि प्रधानमंत्री बनने की बात आई तो अखिलेश यादव शायद पीएम न बनकर पिता मुलायम सिंह यादव का नाम आगे बढ़ाकर उनका पीएम पद बनने का सपना पूरा कर सकते हैं.