राजस्थान में कांग्रेस के बीच सुलह, सुप्रीम कोर्ट में पायलट खेमे के खिलाफ SLP वापस लेगी गहलोत सरकार
राजस्थान कांग्रेस के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक एसएलपी (विशेष अवकाश याचिका) को वापस लेने की मांग की है, जिसे पिछले साल सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग के साथ दायर किया गया था.
जयपुर, 23 फरवरी : राजस्थान कांग्रेस के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी (Dr. Mahesh Joshi) ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक एसएलपी (विशेष अवकाश याचिका) को वापस लेने की मांग की है, जिसे पिछले साल सचिन पायलट (Sachin Pilot) सहित 19 कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग के साथ दायर किया गया था. राज्य नेतृत्व के खिलाफ पायलट खेमे के बागी तेवर के बाद ऐसा किया गया था. पिछले साल अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का खेमा और पायलट खेमा राजनीतिक झगड़े के दौरान आमने-सामने थे. इसके तुरंत बाद, सुप्रीम कोर्ट में सचिन पायलट खेमे के खिलाफ एक एसएलपी दायर की गई, जिसमें राज्य विधानसभा से सचिन पायलट खेमे वाले कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई थी. मामले में नवीनतम विकास में, मुख्य सचेतक ने सोमवार को शीर्ष अदालत से एसएलपी को वापस लेने की मांग की. जोशी ने आईएएनएस को बताया, "इस एसएलपी का अब कोई मतलब नहीं बनता, क्योंकि सभी मतभेदों को सुलझा लिया गया है और हम अब एक साथ खड़े हैं."
पिछले साल सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के विद्रोह के बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधानसभा स्पीकर डॉ. सी.पी. जोशी के समक्ष पिछले साल 13 जुलाई को सभी विधायकों पर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी. तीन दिन बाद स्पीकर ने सभी विधायकों को नोटिस जारी किया, जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई. अदालत ने 24 जुलाई को स्पीकर को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी स्पीकर सी.पी. जोशी और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा दायर की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर सभी पक्षों से जवाब मांगा था. इस बीच, महेश जोशी ने एसएलपी वापस लेने के लिए एक याचिका दायर की, लेकिन स्पीकर जोशी का एसएलपी बरकरार है. यह भी पढ़ें : Coal Scam Case: सीबीआई ने तृणमूल सांसद अभिषेक की पत्नी से 2 घंटे से भी ज्यादा समय तक पूछताछ की
स्पीकर के वकील प्रतीक कासलीवाल ने आईएएनएस से बात करते हुए पुष्टि की है कि हाईकोर्ट के आदेश ने अध्यक्ष के अधिकारों में हस्तक्षेप किया है जो एक बड़ा संवैधानिक प्रश्न है. अब सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर फैसला करने की जरूरत है और इसलिए एसएलपी अब तक बरकरार है. इस बीच, कांग्रेस के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि एसएलपी को राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के हस्तक्षेप से वापस लिया गया है, जो पायलट समूह की शिकायतों के निवारण के लिए पार्टी हाईकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति का एक हिस्सा हैं. समिति में अजय माकन और वेणु गोपाल शामिल हैं, और तीसरे सदस्य अहमद पटेल का निधन हो चुका है.