नई दिल्ली:- कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी हैं. किसानों ने पहल ही दो टूक अंदाज में कहा है कि सरकार को इन कानूनों को तुरंत रद्द करे. उसके बाद आंदोलन पीछे हटेगा. किसानों को अब कई दलों का समर्थन मिलने लगा है. इस बीच पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal ) ने भी किसानों के समर्थन में उतर गए गए हैं. पहले तो उन्होंने विरोध स्वरूप अपना पद्म विभूषण अवार्ड (Padma Vibhushan) लौटा दिया. अब उन्होंने आंदोलन को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है. पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने लिखा है, मैं चल रहे किसानों के संकट से बहुत चिंतित हूं. मुझे लगता है कि अगर सरकार ने किसानों पर वास्तव में ईमानदार ध्यान देती तो इस मुद्दे से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था.
पत्र में लिखा है कि तीन अधिनियमों ने सवाल उठाया है कि देश को गहरी उथल-पुथल में धकेल दिया गया है, बिना किसानों को हटाए और उनके परिवारों को इस कड़ाके की ठंड में किसी भी अधिक पीड़ा को सहना होगा. मुद्दा अकेले किसानों की चिंता नहीं करता है बल्कि पूरे देश के आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है.
ANI का ट्वीट:-
Letter further says,"Three Acts in question that have pushed the country into deep turmoil must be withdrawn without making farmers & their families endure any more suffering in this biting cold. Issue doesn't concern farmers alone but affects entire economic fabric of country." https://t.co/TAyO5hoDi5
— ANI (@ANI) December 7, 2020
बता दें कि तीन नए किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की छठी बार बातचीत होनी है. इससे पहले जितनी बार भी चर्चा हुई उसका कोई निष्कर्स नहीं निकला है. दूसरी तरफ किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान कर दिया है. किसानों ने के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग खड़े हो रहे हैं. वहीं, कई दलों के मुखिया ने इस आंदोलन का जमकर समर्थन किया है. उनका कहना है कि किसानों की मांग जायज है. Bharat Bandh: किसान नेताओं ने दी सख्त हिदायत, भारत बंद के दौरान राजनीति दलों के नेताओं को मंच पर नहीं होगी इजाजत, 3 बजे तक चक्का जाम.
गौरतलब हो कि किसानों से जुड़े तीन बिलों के विरोध में प्रकाश सिंह बादल की बहू हरसिमरत कौर के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा पहले ही दे दिया है. इतना ही नहीं शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से 22 साला पुराना रिश्ता तोड़ दिया है. जिसके बाद से किसानों के मुद्दे पर अकाली दल भी अन्य दलों की तरह मोदी सरकार पर हमलावर है. वहीं पंजाब और हरियाणा के अंदरूनी इलाकों से आए हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन पर बैठे हैं.