अगरतला: माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य एवं त्रिपुरा के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री बादल चौधरी (Badal Choudhury) को 600 करोड़ रुपए के पीडब्ल्यूडी घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए यहां की एक अदालत ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. इस घोटाले में कथित भूमिका के लिए चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
पश्चिम त्रिपुरा के सत्र न्यायाधीश सब्यसाची पुरकायस्थ ने कहा कि पूर्व मंत्री को राहत नहीं दी जा सकती है. चौधरी के वकील पी रॉय बर्मन ने संवाददाताओं को बताया कि अग्रिम जमानत नहीं देने के खिलाफ वह त्रिपुरा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
लोक निर्माण विभाग (Central Public Works Department) के काम में वित्तीय अनियमितताओं में कथित भूमिका के लिए राज्य के लोक निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद सोमवार को पूर्व मंत्री ने सत्र अदालत से अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था.
पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के पूर्व मुख्य इंजीनियर सुनील भौमिक को हिरासत में ले लिया गया है जबकि पूर्व मंत्री चौधरी और पूर्व मुख्य सचिव यशपाल सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं.