महाराष्ट्र में कानूनी जंग तेज, BJP नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे के खिलाफ FIR दर्ज, संजय राउत ने लगाया 57 करोड़ के घोटाले का आरोप

संजय राउत ने दावा किया था कि 57 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया है कि किरीट सोमैया ने जमा किए हुए पैसे अपने बिजनेस के लिए इस्तेमाल किए. मामले में पुलिस ने किरीट सोमैया और उनके बेटे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया व संजय राउत (Photo Credit : Twitter)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी सियासी के साथ कानूनी जंग तेज होती जा रही है. बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) और उनके बेटे नील सोमैया के खिलाफ मुंबई में केस (FIR) दर्ज किया गया है. दोनों के खिलाफ ये केस ट्रॉम्बे पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 420, 406, 34 के खिलाफ पूर्व सैनिक बबन भोसले ने केस दर्ज कराया है. किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया पर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने 57 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा "किरीट सोमैया ने जमा किए हुए पैसे अपने बिजनेस के लिए इस्तेमाल किए." COVID-19: मुंबई में मिला वेरिएंट XE है या नहीं? जानें स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने क्या कहा

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उपनगरीय मानखुर्द के ट्रॉम्बे पुलिस थाने में बुधवार शाम 53 वर्षीय पूर्व सैन्यकर्मी की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने द्वारा भूमि सौदों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने बीजेपी नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) पर आरोप लगाते हुए सवाल किया है कि आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को बचाने के लिए जो पैसे जमा किए थे वह कहां गए?

संजय राउत ने कहा था "यह पैसा राजभवन में जमा किया जाना था, लेकिन सूचना के अधिकार (RTI) के तह महाराष्ट्र के राजभवन से प्राप्त जवाब के अनुसार यह पैसा उनके पास कभी जमा नहीं किया गया." उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार निश्चित रूप से इस मामले की जांच करेगी, क्योंकि यह उसके अधिकार क्षेत्र में होता है. 'यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है जहां उन्होंने डिफेंस विंग के नाम पर पैसे लिए हैं. यह देशद्रोह है.” वहीं आरोप को खारिज करते हुए सोमैया ने कहा था कि अगर राउत के पास कोई सबूत है उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपना चाहिए.

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