नई दिल्ली:- नये कृषि कानूनों को हटाने को लेकर किसानों का आंदोलन फिलहाल तो लग रहा है लंबा चलने वाला है. क्योंकि कई बैठकों के बाद भी किसान अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. जबकि केंद्र सरकार इसका हल तलाशने में अब भी जुटी है. लेकिन केंद्र सरकार के सामने अब दो बड़ी चुनौती खड़ी हो गई हैं. एक किसानों को कैसे मनाया जाए और दूसरा विरोधी दलों इसे मुद्दा बनाने से कैसे रोका जाये. मोदी सरकार इस वक्त विरोधी दलों के निशाने पर है. उत्तर प्रदेश हो या महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल हो या पंजाब और हरियाणा हर जगह से मोदी सरकार विरोधी दलों के निशाने पर है. इसी कड़ी में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर हमला किया है.
शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम केंद्र सरकार द्वारा काले कानून वापिस न लेने के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं। आज केंद्र सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस से एक बात स्पष्ट हो गई कि केंद्र सरकार ने देश के अन्नदाता के खिलाफ लड़ाई लड़ने का फैसला किया है. कानून धक्के के साथ वहीं लागू किए जाते हैं जिन देशों में डिक्टेटरशिप का राज होता है. Farmers Protest: केंद्र सरकार ने फिर कहा- चिंता न करें किसान, जारी रहेगा एमएसपी.
ANI का ट्वीट:-
We strongly condemn the Central government's stand of not taking back the black laws. Today's press conference by the Centre proves that they have decided to fight against the country's 'annadata': Shiromani Akali Dal Chief Sukhbir Singh Badal #FarmLaws pic.twitter.com/MQLVOc0GGD
— ANI (@ANI) December 10, 2020
उन्होंने कहा कि बड़ा अफसोस है कि केंद्र सरकार ने अब डिक्टेटरशिप का रास्ता अपनाना शुरू कर दिया है. पहले जैसे इन्होंने (केंद्र सरकार) नोटबंदी फोर्स की, GST फोर्स किया वैसे ये चाहते हैं कि हम जो भी फैसला दफ्तरों में बैठकर बनाएं, उसे हम ज़बरदस्ती लागू करें. जब सारे देश के किसान ये कानून नहीं चाहते तो मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये क्यों रख रहे हैं.