Farmers Protest: कांग्रेस का केंद्र पर तंज, कहा-देश को 'धोखा' देकर अपने लिए 'मौका' बनाने वालों को भारत माफ नहीं करेगा

कृषि बिल को लेकर जारी किसानों का घमासान खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. दरअसल आज केंद्र और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई अच्छी खबर सामने नहीं आयी. केंद्र ने किसानों को एक ऑफर दिया कि जब तक मामले का हल नहीं निकलता है तब तक तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई जाए. हालांकि किसानों के मसले पर कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष लगातार केंद्र पर निशाना साध रहा है.

कांग्रेस और पीएम मोदी (Photo Credits-Wikimedia Commons and Facebook)

नई दिल्ली, 20 जनवरी 2021. कृषि बिल (Farm Bills 2020) को लेकर जारी किसानों का घमासान खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. दरअसल आज केंद्र और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई अच्छी खबर सामने नहीं आयी. केंद्र ने किसानों को एक ऑफर दिया कि जब तक मामले का हल नहीं निकलता है तब तक तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई जाए. हालांकि किसानों के मसले पर कांग्रेस (Congress) सहित पूरा विपक्ष लगातार केंद्र पर निशाना साध रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने केंद्र (Modi Govt) पर तंज कसा है. कांग्रेस ने कहा कि देश को 'धोखा' देकर अपने लिए 'मौका' बनाने वालों को भारत माफ नहीं करेगा.

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि देश को 'धोखा' देकर अपने लिए 'मौका' बनाने वालों को भारत माफ नहीं करेगा. इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि मोदी जी, आप और आपके मंत्री बरगलाएँ मत. तीनों काले क़ानूनों को डेढ़ साल के लिए निलंबित करने से क्या होगा? सारी ख़ामियाँ जस की तस रह जाएँगी. आप इन तीनों क़ानूनों को ख़त्म क्यों नहीं करते ? ये कैसा अहंकार है? संघर्ष कर रहे सभी अन्नदाताओं के जज़्बे को सलाम। जीतेगा किसान ! यह भी पढ़ें-Farmers Protest: कृषि कानून वापस नहीं लेगी सरकार, किसानों को दिया गया अस्थायी रोक का प्रस्ताव

कांग्रेस का ट्वीट-

वहीं केंद्र द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर किसानों ने कहा है कि वे 22 जनवरी को होने वाली बैठक में जवाब देंगे. इस बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी कोशिश थी कि मामले का हल निकल जाए. लेकिन किसानयूनियनों ने कानून वापस लेने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने कुछ समय के लिए कृषि कानूनों को रद्द किया हुआ है.

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