Farmers Protest: पीएम मोदी पर राहुल गांधी का हमला, कहा- किसानों की बात सुनो, कृषि विरोधी कानून वापस लो!
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, 'आदत के अनुसार मोदी जी ने आज फिर असत्याग्रह किया. किसानों की बात सुनो, कृषि विरोधी कानून वापस लो!' वहीं कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार को किसान से छल, कपट, ढोंग और प्रपंच बंद करना चाहिए.
नई दिल्ली, 19 दिसंबर: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा देश में लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बीते शुक्रवार को किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर फैले भ्रम को दूर करने का प्रयास किया. पीएम मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि एमएसपी खत्म नहीं होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि मंडियां भी कभी बंद नहीं होंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस भाषण के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, 'आदत के अनुसार मोदी जी ने आज फिर असत्याग्रह किया. किसानों की बात सुनो, कृषि विरोधी कानून वापस लो!' वहीं कांग्रेस (Congress) ने कहा कि मोदी सरकार (Modi Government) को किसान से छल, कपट, ढोंग और प्रपंच बंद करना चाहिए.
इससे पहले पीएम मोदी ने बीते शुक्रवार को भोपाल (Bhopal) में आयोजित किसान महासम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, अचानक भ्रम और झूठ का जाल बिछाकर अपनी राजनीतिक जमीन हासिल करने के खेल खेले जा रहे हैं. किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने किसान महासम्ममेलन में कहा, 'मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं कि आप अपना क्रेडिट अपने पास रखिए. मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए. मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए, समृद्धि चाहिए, किसानी में आधुनिकता चाहिए. कृपा करके किसानों को बरगलाना, उन्हें भ्रमित करना छोड़ दीजिए.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे लगता है कि उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ? उनको तकलीफ इस बात से है कि जो काम हम कहते थे, लेकिन कर नहीं पाते थे, वो मोदी ने कैसे किया, मोदी ने क्यों किया?
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पीएम मोदी ने इस दौरान तीनों कृषि कानूनों के फायदे भी गिनाए. पीएम मोदी ने कहा, 'किसानों को सिर्फ मंडियों से बांधकर बीते दशकों में जो पाप किया गया है, ये कृषि सुधार कानून उसका प्रायश्चित कर रहे हैं. मैं विश्वास से कहता हूं कि हमने हाल में जो कृषि सुधार किए हैं, उसमें अविश्वास का कारण ही नहीं है, झूठ के लिए कोई जगह ही नहीं है.'