Farm Bills: दुष्यंत चौटाला बोले- जिस दिन MSP सिस्टम पर कोई खतरा आया, उसी दिन हरियाणा के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा
दुष्यंत चौटाला ने कहा, संसद द्वारा पारित कृषि बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को समाप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है. मैं अपने पद को उसी दिन छोड़ दूंगा जिस दिन एमएसपी सिस्टम को कोई खतरा नहीं होगा.
चंडीगढ़: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए कृषि बिलों पर बढ़ते विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी. अपने इस्तीफे की चर्चा को लेकर उन्होंने कहा, संसद द्वारा पारित कृषि बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को समाप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है. मैं अपने पद को उसी दिन छोड़ दूंगा जिस दिन एमएसपी सिस्टम को कोई खतरा नहीं होगा. जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता ने कहा, "संसद द्वारा पारित कृषि विधेयकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को समाप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है."
दुष्यंत चौटाला के अनुसार, केंद्र को एमएसपी प्रणाली को कम करने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि संसद द्वारा मंजूरी दिए गए कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में कोई उल्लेख नहीं है. चौटाला ने कहा, अगर कानून से यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को खतरा हुआ तो वह बीजेपी के साथ गठबंधन को तुरंत समाप्त कर देंगे. यह भी पढ़ें | कृषि बिलों के विरोध में पंजाब और हरियाणा में किसानो का प्रदर्शन जारी.
जिस दिन MSP पर होगा खतरा उसी दिन दूंगा इस्तीफा:
चौटाला के स्पष्टीकरण से पहले, कयास लगाए जा रहे थे कि वह हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन से बाहर निकल सकते हैं. बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के कृषि बिल के विरोध में उतरने के बाद दुष्यंत चौटाला पर भी बीजेपी का साथ छोड़ने का दबाव बना हुआ था.
1980 के दशक से बीजेपी के साथी अकाली दल ने लोकसभा में कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद केंद्र में एनडीए सरकार से इस्तीफा देने का फैसला किया. पार्टी की सांसद हरसिमरत कौर बादल जो केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थीं उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बीजेपी के साथ गठबंधन खत्म करने पर पार्टी को अभी अंतिम फैसला लेना बाकी है.