विपक्ष को बड़ा झटका, VVPAT पर चुनाव आयोग ने नहीं बदला फैसला, येचुरी बोले- बिगड़ सकती है कानून व्यवस्था
ईवीएम-वीवीपीएटी के मुद्दे पर चुनाव आयोग ने अपनी बड़ी बैठकर कर इस संबंध में फैसला लिया. इस बैठक में आयोग के सीनियर अधिकारियों के साथ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा भी मौजूद रहे.
नई दिल्ली: चुनाव नतीजों से ठीक पहले ईवीएम और वीवीपैट का मुद्दा गरम है. देश के कई राज्यों में ईवीएम स्वैपिंग की खबरें सामने आने के बाद अब वीवीपैट पर्चियों के मिलान पर विपक्ष लामबंद है. विपक्षी दलों ने मंगलवार को चुनाव आयोग (Election Commission) जाकर सबसे पहले वीवीपैट मिलान की मांग की है. लेकिन चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों को झटका देते हुए पहले वीवीपीएटी की पर्चियों के ईवीएम से मिलान की मांग को खारिज कर दिया है.
ईवीएम-वीवीपीएटी के मुद्दे पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने अपनी बड़ी बैठकर कर इस संबंध में फैसला लिया. इस बैठक में आयोग के सीनियर अधिकारियों के साथ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा भी मौजूद रहे. सूत्रों का कहना है कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि यदि आयोग विपक्षी दलों की मांग पर राजी होता है मतगणना में 2-3 दिन का समय लग सकता है. यह भी पढ़े-EVM की शिकायतों के निस्तारण के लिए चुनाव आयोग ने बनाया कंट्रोल रूम, नतीजे आने तक 24 घंटे रहेगा कार्यरत
वही दूसरी तरफ चुनाव आयोग (Election Commission) के द्वारा वीवीपैट को लेकर दिए गए फैसले पर लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि EC का ये फैसला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के खिलाफ है. यदि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता के लिए इस प्रक्रिया को इतना लंबा खींचा गया है, तो चुनाव आयोग (Election Commission) पहले नमूने के परीक्षण के मूल सिद्धांत का पालन क्यों नहीं कर रहा है?
उन्होंने लिखा कि वीवीपैट (VVPAT) की पर्चियों का मिलान भी सुबह वोटों की गिनती के साथ शुरू होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है.
बता दें कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के नतीजे आने से पहले मंगलवार को कांग्रेस (Congress), एसपी (SP), टीएमसी (TMC) समेत 22 दलों ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी. विपक्ष ने चुनाव आयोग (Election Commission) से मांग की थी कि 23 मई को मतगणना शुरू होने से पहले बिना किसी क्रम के चुने गए पोलिंग स्टेशनों पर वीवीपीएटी (VVPAT) पर्चियों की जांच की जाए.
ज्ञात हो कि विपक्षी दलों की मांग है कि अगर किसी एक बूथ पर भी वीवीपीएटी (VVPAT) पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी (VVPAT) पर्चियों की गिनती की जाए और इसका ईवीएम (EVM) रिजल्ट्स से मिलान किया जाए.