चुनाव आयोग ने मतदान के बाद ईवीएम को मतगणना स्थलों तक पहुंचाने में गड़बड़ी और उनके दुरुपयोग को लेकर विभिन्न इलाकों से मिली शिकायतों को शुरुआती जांच के आधार पर गलत बताते हुए कहा है कि मतदान में प्रयोग की गयी ईवीएम और वीवीपैट मशीनें ‘स्ट्रांग रूम’ में पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इस बीच आयोग के दिल्ली स्थित मुख्यालय में ईवीएम संबंधी शिकयातों के तत्काल निस्तारण के लिए एक नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) ने भी मंगलवार को काम करना शुरु कर दिया.
आयोग द्वारा जारी बयान के मुताबिक, निर्वाचन सदन से संचालित कंट्रोल रूम चुनाव परिणाम आने तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा. इसके जरिये ईवीएम की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी. लोकसभा चुनाव के लिये रविवार को सात चरण में संपन्न हुये मतदान के बाद 23 मई को सुबह आठ बजे से मतगणना होगी.
Election Commission of India: A 24-hour EVM Control Room has been made functional at Nirvachan Sadan to monitor complaints relating to polled EVMs. Any complaints during counting related to EVMs can be informed at control room number is 011-23052123. pic.twitter.com/vDkBU4gafX
— ANI (@ANI) May 22, 2019
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इससे पहले, आयोग ने मतदान में इस्तेमाल की गयी मशीनें, 23 मई को हो रही मतगणना से पहले नयी मशीनों से बदलने के आरोपों और शिकायतों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताकर खारिज कर दिया. विभिन्न इलाकों से इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद आयोग ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है. इसके जरिये सभी लोकसभा क्षेत्रों में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को सुरक्षित रखने के लिये बनाये स्ट्रांग रूम की सुरक्षा और मशीनों के रखरखाव संबंधी शिकायतों पर सीधे कंट्रोल रूम से जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
कंट्रोल रूम से ही देश भर में बनाये गये स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की निगरानी की जायेगी. सभी स्ट्रांग रूम को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है. निर्वाचन सदन से संचालित कंट्रोल रूम से जुड़े कैमरों की मदद से स्ट्रांग रूम में रखी मशीनों के रखरखाव और मतगणना के लिये इन्हें ले जाने पर सतत निगरानी सुनिश्चित की जायेगी. मतगणना के दौरान भी उम्मीदवारों की ईवीएम संबंधी शिकायतों पर कंट्रोम रूम से ही कार्रवाई की जायेगी.
उल्लेखनीय है कि आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी में मशीनों को मतगणना केन्द्रों तक ले जाने में और उनके रखरखाव में गड़बड़ी की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुये संबद्ध राज्यों के जिला निर्वाचन अधिकारियों से तत्काल जांच रिपोर्ट ली थी. जांच में पाया गया कि जिन मशीनों के बारे में शिकायत की गयी है वे रिजर्व मशीनें थीं. इनका मतदान में इस्तेमाल नहीं किया गया था. मतदान के दौरान ईवीएम में तकनीकी खराबी होने पर उन्हें रिजर्व मशीनों से बदला जाता है.
आयोग ने इन आरोपों के बारे में टेलीविजन और सोशल मीडिया में चल रहे वीडियो को गलत बताते हुये कहा कि इनमें दिखायी गयी मशीनें मतदान में प्रयुक्त मशीनें नहीं हैं. आयोग ने झांसी में शिकायत की जांच के बाद स्थानीय निर्वाचन अधिकारी के बयान का हवाला देते हुये कहा, ‘‘मतदान में इस्तेमाल हुयी ईवीएम और वीवीपेट को व्यवस्थित रूप से सील करने के बाद मतगणना केन्द्रों पर बने स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में सुरक्षित रखा गया है. इन जगहों पर केन्द्रीय पुलिस बल के जवान तैनात हैं. स्ट्रांग रूम को उम्मीदवार और उनके निर्धारित प्रतिनिधि कभी भी देख सकते हैं.’’