नई दिल्ली: केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने बुधवार को कहा है कि आयकर विभाग द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) को भेजे गए नोटिस से उसका कोई संबंध नहीं है. साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स को भी खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि चुनाव आयोग के कहने पर ही एनसीपी (NCP) सांसद को आयकर विभाग का नोटिस भेजा गया है.
चुनाव आयोग ने कहा “ मीडिया के कुछ वर्ग यह बता रहे है कि चुनाव आयोग के निर्देश पर शरद पवार को आयकर नोटिस जारी किया गया है. जबकि ईसीआई (ECI) ने सीबीडीटी (CBDT) को एनसीपी नेता को नोटिस जारी करने के लिए ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है.” Sharad Pawar on Income Tax Notice: शरद पवार ने आईटी नोटिस पर कहा-वे कुछ लोगों से प्यार करते हैं
In some sections of media, it has been reported that Income Tax notice issued to Sharad Pawar, NCP Member of Parliament, on directions of Election Commission. ECI has not issued any such direction to CBDT to issue notice to Sharad Pawar: Election Commission pic.twitter.com/6BFqOp5twL
— ANI (@ANI) September 23, 2020
इससे पहले मंगलवार को एनसीपी चीफ ने कि आयकर विभाग ने उनसे उनके द्वारा दिये गये कुछ चुनावी हलफनामों के सिलसिले में ‘स्पष्टीकरण एवं सफाई’ मांगी है. 79 वर्षीय पवार ने मुंबई में मीडिया से कहा, "हां, मुझे भी नोटिस मिला है. वे (केंद्र) कुछ लोगों से प्यार करते हैं." पवार ने कहा, "मुझे मेरे चुनावी शपथपत्र के बारे में आई-टी विभाग से नोटिस मिला है. चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, आईटी ने 2009, 2014, 2020 के चुनावी शपथपत्र पर मुझे नोटिस भेजा है. हम नोटिस का जवाब देंगे."
ज्ञात हो कि शरद पवार के आलावा आयकर विभाग ने उनकी बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को भी ऐसा ही नोटिस भेजा है. शिवसेना, एनसीपि और कांग्रेस महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी सरकार में हैं. आयकर विभाग ने गठबंधन में शामिल दो पार्टियों के शीर्ष नेताओं को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.