लखनऊ, 12 नवंबर: नीचे दीयों की जगमग. बीच में हर खम्भे, पुल, गली, मोहल्ले और चैराहों पर बिजली की रोशनी. सबसे ऊपर चांद-तारों से होड़ लेती आसमान को छूती लेजर की सतरंगी आभा. और इस सबका शांत भाव से दीदार करता और अयोध्या के अब तक के इतिहास को खुद में समेटे कल-कल करता देश की पंच नदियों में से एक पावन सरयू का जल. कुछ ऐसा होगा ऐतिहासिक साल 2020 में आयोजित होने वाला अयोध्या का दीपोत्सव. इस बार भव्यता और दिव्यता के साथ यह इकोफ्रेंडली भी होगा. लेजर शो के जरिये इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इकोफ्रेंडली दीपावली का भी संदेश देंगे.
लेजर शो में प्रभु श्रीराम के विविध स्वरूपों का दर्शन होगा, मसलन अन्याय के प्रतीक रावण से युद्ध करते पराक्रमी राम तो लंका विजय के बाद अपनी जन्मभूमि कोशलपुरी (अयोध्या) पहुंचकर अपनों के बीच प्रफुल्लित राम. त्रेता युग में सीता (Sita), राम (Ram) और लक्ष्मण (Lakshman) के वनवास से लौटने पर अयोध्या वासियों ने जिस तरह गाजे-बाजे के साथ उनकी अगवानी की थी और अपने घरों में खुशियों के दीप जलाए थे, वह सब कुछ लेजर शो के जरिये दिखेगा. लेजर शो सबको कायदे से दिखे इसके लिए मुख्य कार्यक्रम स्थल पर सबसे ऊंची जगह से इसका प्रदर्शन होगा.
भगवान श्री राम की व्यापकता के मद्देनजर वहां भजन संध्या स्थल पर भारत के प्रमुख नृत्य मसलन कत्थक (Katthak), ओडिसी (Odishi), भरतनाट्यम (Bharatnatyam), कुचिपुड़ी(Kachipudi), मणिपुरी (Manipuri) का भी मंचन होगा. तीन राज्यों की रामलीला से इस आयोजन और बहुरंगी एवं विविधता में एकता की भारत की संकल्पना को और विस्तार मिलेगा. इस क्रम में अलग-अलग दिन लखनऊ, मुंबई और झारखंड के रामलीला दल, राम चरित्र पर आधारित मंचीय प्रस्तुति देंगे. इसके अलावा आल्हा, अवधी और भोजपुरी आदि के लोक कलाकारों को भी मंच और मौका मिलेगा. साकेत पार्क से रामकथा पार्क तक निकलने वाली शोभायात्रा भी खास होगी. इसमें रामायण के सभी प्रमुख प्रसंगों की झलक होगी.
गौरतलब हो कि प्रदूषण मुक्त दीपावली के संदेश को और विस्तार देने के लिए सरकार मुजफ्फरनगर (Muzaffarpur), आगरा (Agra), वाराणसी (Varanasi), मेरठ (Meerut), हापुड़ (Haapud), गाजियाबाद (Ghaziabad), कानपुर (Kanpur), लखनऊ (Lucknow), मुरादाबाद (Moradabad), नोएडा (Noida), ग्रेटर नोएडा (Greater Noida), बागपत (Bhagpat), बुलंदशहर (Bulanshahar) समेत 13 जिलों में सरकार पहले से पटाखों पर प्रतिबंध लगा चुकी है. साथ ही गाय के गोबर और माटी के दीयों और माटी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को प्रोत्साहन देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है. दीपोत्सव के दिन लेजर शो के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया संदेश भी उसी की कड़ी होगी.