मराठा आंदोलक मनोज जरांगे के पूर्व सहयोगी डॉ. रमेश तारक को उनके क्लिनिक में ही उनके मुंह पर कालिख पोती गई है. घटना छत्रपति संभाजीनगर की है. बताया जा रहा है की झुंझार छावा संघटन के कार्यकर्ताओं ने ये काम किया है. पिछले कुछ दिनों से मराठा आंदोलन कर रहे जरांगे को लेकर कई लोग उनका समर्थन कर रहे है तो वही कई नेताओं ने उनका विरोध भी किया है.
जानकारी के मुताबिक़ एक समय के मनोज जरांगे के सहयोगी रहे डॉ. रमेश तारक ने मनोज जरांगे का आंतरवाली सराट में अनशन करने का विरोध किया था. इसके साथ ही तारख ने जरांगे को आंतरवाली में अनशन की अनुमति न दे , ऐसा पत्र भी जिलाधिकारी को दिया था. इसके साथ ग्रामीणों के साईन लेकर जालना के जिलाधिकारी को निवेदन भी दिया था. इसके बाद भी जरांगे ने अंतरवाली सराटी गांव में ही अनशन किया था. इसी घटना से जरांगे के समर्थक नाराज थे. ये भी पढ़े :Muslim OBC Reservation: मनोज जरांगे की शिंदे सरकार से मांग, राज्य के मुस्लिमों को ओबीसी का आरक्षण दे
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छ. संभाजीनगर : मनोज जरांगे यांचे जुने सहकारी डॉ. रमेश तारक यांच्या तोंडाला काळं फासण्यात आलं, झुंजार छावा संघटनेच्या कार्यकर्त्यांनी फासलं काळ pic.twitter.com/clp6bvkez3
— ABP माझा (@abpmajhatv) June 24, 2024
इस घटना को लेकर डॉ. तारक ने बताया की मनोज जरांगे के अनशन के विरोध में मैंने दो महीने पहले पत्र दिया था. 2 महीने के बाद ये घटना घटित हुई है. आज सुबह मरीज बनकर ये लोग मेरे पास आएं और जन्मदिन मनाएंगे , ऐसा इन लोगों ने कहा, मैंने उनसे कहा की ,' मेरा जन्मदिन आज नहीं है. इसके बाद भी उन्होंने मेरा स्वागत किया और मेरे मुंह पर कालिख पोत दी. डॉ. तारक ने कहा की इसके पीछे कौन है, इसकी जांच होनी चाहिए.