CM योगी आदित्यनाथ ने फिर की अपील, कहा- अपने और दूसरों की सुरक्षा के लिए न चलें पैदल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा प्रदेश होने के नाते उप्र के प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की संख्या भी अधिक है. बावजूद इसके घर वापस आने वाले किसी भी श्रमिक को कोई दिक्कत न हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्घ है. मेरी अपील है कि खुद और अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल, दोपहिया वाहन से घर के लिए न चलें.
लखनऊ , 15 मई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा प्रदेश होने के नाते उप्र के प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की संख्या भी अधिक है. बावजूद इसके घर वापस आने वाले किसी भी श्रमिक को कोई दिक्कत न हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्घ है. हम दूसरे प्रदेश में रह रहे अपने प्रदेश के हर श्रमिक को ससम्मान और सुरक्षित लाएंगे. मेरी अपील है कि खुद और अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल, दोपहिया वाहन से घर के लिए न चलें.
मुख्यमंत्री योगी ने आज अपने जारी बयान में कहा, "सबके सुरक्षित वापसी की व्यवस्था में सरकार हर संभव व्यवस्था कर रही है. गुरुवार को 70 ट्रेनें देश के विभिन क्षेत्रों से प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को लेकर उप्र पहुंचेंगी. पिछले एक सप्ताह में यूपी में साढे छह लाख श्रमिक यहां अपने घर आ चुके हैं. इस दौरान पूरे देश के लिए जो 350 ट्रेनें चलायी गयीं उनमें से 60 फीसद की मंजिल उप्र ही रहा. राज्य परिवहन निगम की 10 हजार से अधिक बसें भी लगातार इस काम में लगीं हैं. अब तक देश के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 13 लाख लोग सुरक्षित वापस आ चुके हैं. इसलिए अपने और दूसरे की सुरक्षा के लिए श्रमिक पैदल न चलें."
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उनहोंने कहा, "आने के बाद सबके स्वास्थ्य की जांच के लिए क्वारंटीन सेंटर हैं. स्वास्थ्य जांच के बाद स्वस्थ्य व्यक्ति को 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ते और तय मात्रा में राशन देकर उनको होम क्वारंटीन के लिए घर पहुंचाया जाता है. संदिग्ध को पूरी जांच के लिए वहीं आइसोलेट कर लेते हैं. कम्यूनिटी किचन के जरिए सरकार रोज करीब 12 से 15 लाख लोगों को भोजन करा रही है. खाना समय से मिले और गुणवत्ता में ठीक हो इस पर खास तौर से ध्यान दिया जा रहा है."
मुख्यमंत्री ने कहा, "कोरोना के नाते हुए लॉकडाउन की सर्वाधिक मार रेहड़ी, ठेला, खोमचा या पटरी के किनारे अन्य कारोबार करने वालों पर ही पड़ा है. सरकार इनकी जिंदगी को दुबारा से पटरी पर लाने की मुहिम में जुट गयी है. इस क्रम में जो भी पटरी व्यवसायी चाहेगा सरकार उसे उदार शतरें पर 10 हजार तक का लोन उपलब्ध कराएगी. चूंकि सरकार अब तक के लॉकडाउन के दौरान करीब 8़ 41 लाख पटरी व्यवसायियों को भरण-पोषण भत्ते के रूप में 1000 रूपये और खाद्यान्न उपलब्ध करा चुकी है. ऐसे में एक डाटा तैयार है. लिहाजा लोन के लिए पात्रों के चयन और अन्य प्रक्रिया में आसानी होगी."