प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी. के. शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए भेजा समन

प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक के कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डी. के. शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को समन भेजा है. वित्तीय जांच एजेंसी ने शिवकुमार को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दिसंबर 2018 में दिए गए अपने पहले समन पर रोक लगाने की याचिका को रद्द किए जाने के कुछ घंटे बाद ही समन भेज कर पेश होने को कहा.

कांग्रेस के नेता डी. के. शिवकुमार (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कर्नाटक के कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डी. के. शिवकुमार (D. K. Shivakumar) को मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को समन भेजा है. इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि यह समन 'दुर्भावना' की नियत से भेजा गया है और वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे.

ईडी ने कर्नाटक के वरिष्ठ विधायक को गुरुवार की देर रात को शुक्रवार सुबह पेश होने के लिए समन भेजा था, लेकिन उन्होंने ईडी अधिकारियों को सूचित किया कि उन्हें थोड़ी देर हो जाएगी और वह दोपहर तक उनके सामने पेश होंगे.

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वित्तीय जांच एजेंसी ने शिवकुमार को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दिसंबर 2018 में दिए गए अपने पहले समन पर रोक लगाने की याचिका को रद्द किए जाने के कुछ घंटे बाद ही समन भेज कर पेश होने को कहा. ईडी के समन पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कई ट्वीट के जरिए कहा, "मुझे बीती देर रात को 9.40 बजे ईडी द्वारा समन भेजा गया है और आज दिल्ली में दोपहर एक बजे पेश होने को कहा गया है."

उन्होंने कहा, "हालांकि ईडी द्वारा अचानक शेड्यूलिंग दुर्भावनापूर्ण है, मैं कानून के नियमों में विश्वास करता हूं और निश्चित रूप से वहां जाऊंगा और उनका पूरा सहयोग करूंगा और हमारे देश के कानून का पालन करूंगा."

इसके बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "गुजरात कांग्रेस विधायकों की मेजबानी करने की वजह से मुझ पर आईटी छापा डाला गया है, जो कि राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेस के एक वफादार सिपाही और एक जिम्मेदार राजनेता के रूप में मैंने वही किया जो पार्टी ने मुझसे करने को कहा, जिसके लिए मुझे निशाना बनाया जा रहा है."

शिवकुमार 2016 में हुए नोटबंदी के बाद से ही आयकर और ईडी के रडार पर हैं. कथित तौर पर यह मामला तब सामने आया जब 2 अगस्त, 2017 को कर विभाग ने बेंगलुरु, कनकपुरा और नई दिल्ली में अपने परिसरों की तलाशी ली, जहां उन्होंने 8.59 करोड़ रुपये नकदी जब्त की थी.

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