धार लोकसभा सीट: सांस्कृतिक नगरी में कांग्रेस ने 7 तो बीजेपी 3 बार लहरा चुकी है जीत का परचम

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मध्यप्रदेश के धार लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी का नाम कांग्रेस के मुकाबले थोड़ा फीका है. धार लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने 7 बार जीत दर्ज की है तो वहीं बीजेपी ने 3 बार कब्ज़ा जमाया है.

धार लोकसभा सीट (File Photo)

भोपाल: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी का नाम कांग्रेस के मुकाबले थोड़ा फीका है. धार लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने 7 बार जीत दर्ज की है तो वहीं बीजेपी ने 3 बार कब्ज़ा जमाया है. बीजेपी ने धार सीट से छतरसिंह दरबार को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने दिनेश गिरवाल को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है.

धार निर्वाचन क्षेत्र में पहला चुनाव 1967 में हुआ था. अस्तित्व में आने के बाद से अब तक धार में 14 लोकसभा चुनाव हो चुके है. धार लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. धार लोकसभा सीट 1962, 1967 और 1971 में जनसंघ के पास थी. इसके बाद 1977 में भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की. साल 1980 से धार में कांग्रेस का दौर शुरू हुआ. तब फतेहभानु सिंह, 1984 में प्रताप सिंह बघेल, 1989 और 1991 में सूरजभान सोलंकी दो बार सांसद चुने गए. इसके बाद 1996 में पहली बार बीजेपी जीती. लेकिन अगले ही चुनाव में कांग्रेस ने दोबारा वापसी की. इसके बाद फिर से 2004 में बीजेपी के छतरसिंह दरबार ने जीत दर्ज की. साल 2009 में कांग्रेस के गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी यहां से सांसद चुने गए और बीजेपी हार गई.

धार का 2014 में हाल-

सावित्री ठाकुर (बीजेपी)- 5 लाख 58 हजार 387 वोट

उमंग सिंघर (कांग्रेस)- 4 लाख 54 हजार 59 वोट

गौरतलब हो कि मध्यप्रदेश में बीजेपी के लिए इस बार जीत की राह साल 2014 जितनी आसान नहीं होने वाली है. क्योकि पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान 15 साल बाद सूबे की सत्ता में लौटी कांग्रेस का उत्साह मौजूदा लोकसभा चुनावों में उफान पर है. पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 29 में से सिर्फ दो सीटों-गुना एवं छिन्दवाड़ा पर जीत मिली, जबकि बीजेपी ने बाकी 27 सीटों पर जीत हासिल किया.

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